बीजिंग, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। छठा विश्व बौद्ध मंच 15 अक्टूबर को चीन के चच्यांग प्रांत के निंगपो शहर में खुला। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन (सीपीपीसीसी) की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष वांग हुनिंग ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया और भाषण दिया।

वांग हुनिंग ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बताया, "सभ्यताएं आदान-प्रदान से रंगी होती हैं, और आपसी सीख से समृद्ध होती हैं" और "पारस्परिक सम्मान, सद्भाव और सामंजस्य मानव सभ्यता के विकास का सही मार्ग है।" शांति और सद्भाव चीनी सभ्यता द्वारा 5,000 से अधिक वर्षों से विरासत में मिली अवधारणाएं हैं। चीनी सभ्यता अपने खुलेपन और सहिष्णुता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, जो मतभेदों को दरकिनार करते हुए समानताओं की खोज करने, सम्मान और सहिष्णुता की वकालत करती है। चीनी सभ्यता अन्य सभ्यताओं के साथ आदान-प्रदान और आपसी सीख में नई जान फूंकती है।

वांग हुनिंग ने कहा, "साझा इच्छा, सद्भाव और सह-अस्तित्व" थीम वाला यह मंच एक भव्य आयोजन है जो चीनी बौद्ध धर्म की खुलेपन और समावेशिता को प्रदर्शित करता है, विश्व बौद्ध संस्कृति की विरासत और विकास को बढ़ावा देता है, तथा मानव सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को मजबूत करता है। यह आशा की जाती है कि व्यापक बौद्ध लोग बौद्ध धर्म की उत्कृष्ट परंपराओं को आगे बढ़ाएंगे, समय की प्रगति की आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और संवाद को बढ़ावा देंगे, कई धर्मों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की वकालत करेंगे तथा संयुक्त रूप से दुनिया के शांतिपूर्ण विकास और मानव सभ्यता के सुधार के लिए ज्ञान और बुद्धि का योगदान देंगे।

वांग हुनिंग ने कहा कि चीन धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता की नीति का पालन करता है और धार्मिक समुदाय को स्वतंत्रता, समानता, मित्रता और आपसी सम्मान के आधार पर विदेशी आदान-प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित और समर्थन करता है। चीनी बौद्ध संघ और चीन धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान संघ द्वारा आयोजित छठे विश्व बौद्ध मंच में 72 देशों और क्षेत्रों के बौद्ध प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और विद्वानों सहित लगभग 800 लोगों ने भाग लिया।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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