अगर आपके पास किसी की चोरी का सबूत है, तो आप क्या करते हैं??

आप पुलिस के पास जाएंगे.... सबूत देंगे... कोर्ट case करेंगे...कोई और agency होगी, जैसे सीबीआई, ED आदि.. उन्हें सबूत देंगे. तभी तो चोर पकड़ा जायेगा और उसे सजा होगी....सही बात है ना??

अब अडानी के मामले को ही देखिये... पहले Hindenburg ने हल्ला मचाया... उन्होंने Articles लिख डाले.. ये चोरी की, वो चोरी की.

फिर SEBI ने जांच शुरू कर दी... सुप्रीम कोर्ट भी इस जांच की देख रेख कर रहा है.

इसी बीच एक संस्था.. OCCRP ने अडानी को Expose करते हुए हमला किया.. उन्होंने बताया कि 'कुछ Documents' के अनुसार अडानी ने चोरी की, घोटाला किया...Financial Fraud किया.

OCCRP क्या है??

यह एक 50 से ज्यादा मीडिया और NGO संस्थाओ का network है... जो कथित तौर पर आर्थिक scams को expose करता है. इसे फोर्ड foundation, Rockefeller Brothers Fund, Oak Foundation, George Soros की OSF और US State Department sponsor और fund करता है.

अब यह इतना बड़ा समूह है.. तो इसके पास जाहिर है Documents होंगे ही... मतलब होने तो चाहिए... तभी इतना बड़ा आरोप लगाया है अडानी पर.

अब SEBI ने OCCRP को संपर्क किया, कि भैया लाओ ज़रा Documents हमारे साथ share करो.. हम भी जांच कर लेते हैं, कहाँ चोरी है, कैसा घोटाला है.

यही एक Natural Process है.

लेकिन यहाँ एक पंगा हो गया है.... OCCRP ने कोई भी document देने से मना कर दिया है.... अपनी policy का हवाला दे कर.

इसके तीन मतलब हैं
1. OCCRP के पास कोई Document है ही नहीं.
2. OCCRP बस किसी तरह अडानी को बदनाम करना चाहता था... और इसके पीछे उसे Fund करने वालों का हाथ हो सकता है... इसमें भारत की कुछ राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं.
3. OCCRP के पास documents हैं... लेकिन वह उन्हें स्थान विशेष में रखना चाहता है.

जाहिर है... जरूरी documents और Evidence के बगैर अडानी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता... ऐसे ही किसी के कहने भर से कोई चोर डाकू नहीं हो जाता.

अब अगले 6-8 महीने SEBI और सुप्रीम कोर्ट को बिका हुआ बताया जाएगा.
Dr Gaurav Pradhan
अगर आपके पास किसी की चोरी का सबूत है, तो आप क्या करते हैं?? आप पुलिस के पास जाएंगे.... सबूत देंगे... कोर्ट case करेंगे...कोई और agency होगी, जैसे सीबीआई, ED आदि.. उन्हें सबूत देंगे. तभी तो चोर पकड़ा जायेगा और उसे सजा होगी....सही बात है ना?? अब अडानी के मामले को ही देखिये... पहले Hindenburg ने हल्ला मचाया... उन्होंने Articles लिख डाले.. ये चोरी की, वो चोरी की. फिर SEBI ने जांच शुरू कर दी... सुप्रीम कोर्ट भी इस जांच की देख रेख कर रहा है. इसी बीच एक संस्था.. OCCRP ने अडानी को Expose करते हुए हमला किया.. उन्होंने बताया कि 'कुछ Documents' के अनुसार अडानी ने चोरी की, घोटाला किया...Financial Fraud किया. OCCRP क्या है?? यह एक 50 से ज्यादा मीडिया और NGO संस्थाओ का network है... जो कथित तौर पर आर्थिक scams को expose करता है. इसे फोर्ड foundation, Rockefeller Brothers Fund, Oak Foundation, George Soros की OSF और US State Department sponsor और fund करता है. अब यह इतना बड़ा समूह है.. तो इसके पास जाहिर है Documents होंगे ही... मतलब होने तो चाहिए... तभी इतना बड़ा आरोप लगाया है अडानी पर. अब SEBI ने OCCRP को संपर्क किया, कि भैया लाओ ज़रा Documents हमारे साथ share करो.. हम भी जांच कर लेते हैं, कहाँ चोरी है, कैसा घोटाला है. यही एक Natural Process है. लेकिन यहाँ एक पंगा हो गया है.... OCCRP ने कोई भी document देने से मना कर दिया है.... अपनी policy का हवाला दे कर. इसके तीन मतलब हैं 1. OCCRP के पास कोई Document है ही नहीं. 2. OCCRP बस किसी तरह अडानी को बदनाम करना चाहता था... और इसके पीछे उसे Fund करने वालों का हाथ हो सकता है... इसमें भारत की कुछ राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं. 3. OCCRP के पास documents हैं... लेकिन वह उन्हें स्थान विशेष में रखना चाहता है. जाहिर है... जरूरी documents और Evidence के बगैर अडानी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता... ऐसे ही किसी के कहने भर से कोई चोर डाकू नहीं हो जाता. अब अगले 6-8 महीने SEBI और सुप्रीम कोर्ट को बिका हुआ बताया जाएगा. Dr Gaurav Pradhan
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