नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति की बैठक में शुक्रवार को विदेश सचिव ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और भारत की भूमिका पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

विदेश सचिव ने बताया कि भारत के इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ लंबे समय से संबंध रहे हैं। हाल ही में उत्पन्न मानवीय संकट के बारे में भारत अत्यंत चिंतित है और वह इस मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है। उन्होंने दोहराया कि भारत का स्टैंड फिलिस्तीन के पक्ष में हमेशा से स्पष्ट रहा है।

बैठक में एक सांसद ने सवाल उठाया कि जब भारत फिलिस्तीन को मानवीय मदद दे रहा है, फिर भी वह इजरायल के पक्ष में खड़ा क्यों नजर आता है। इस पर विदेश सचिव ने स्पष्ट किया कि भारत के लिए फिलिस्तीन की एक अलग पहचान है और वह इस मुद्दे पर संतुलित दृष्टिकोण रखता है।

जानकारी के अनुसार, भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के माध्यम से फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजी। इस सहायता की पहली खेप में 30 टन दवाइयां और खाद्य सामग्री शामिल हैं।

इसके अलावा, बैठक में हाल के दिनों में कनाडा के साथ भारत के संबंधों में आई खटास का मुद्दा भी उठाया गया। हालांकि, विदेश सचिव ने इस पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की।

बैठक में चीन के साथ सीमा विवाद का मामला भी कुछ विपक्षी सांसदों द्वारा उठाया गया। इस पर विदेश सचिव ने कहा कि भारत 2020 के पहले की स्थिति को बहाल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में सदस्यों को अलग से जवाब भेजा जाएगा।

इस बैठक का उद्देश्य भारत की विदेश नीति को स्पष्ट करना और वैश्विक मुद्दों पर उसकी स्थिति को मजबूती प्रदान करना था, विशेष रूप से ऐसे समय में जब अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अस्थिरता देखी जा रही है।

--आईएएनएस

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