हमारे लिए राम का मुद्दा कभी चुनावी और राजनीतिक नहीं रहा हम हमेशा से राम मंदिर को भारत अस्मिता का सवाल मानते रहे, हमने हमेशा कहा है राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जहां विपक्ष तथाकथित बाबरी मसजिद बनवाने की बात करता था हम राम मंदिर को हमारी पहचान मानते रहे, यहाँ तक कि गांधी जी भी मानते थे।
हम जब दो सांसद की पार्टी थी अयोध्या में गोलियाँ चलती थी तब भी कहते थे राम मंदिर बनना चाहिए ये चार सौ की बहुमत वाली पार्टी होकर भी राम मंदिर के अस्तित्व पर सवाल करते थे।
आज भले ही सब पार्टियाँ ऊपरी तौर पर राम मंदिर के पक्ष में बोलती हो परन्तु देश की जनता को पता है कि हमने राम के प्रति समर्पण भक्ति भाव से अर्थात “रीझ” कर किया है इन्होंने परिस्थितियों से विवश होकर अर्थात् “खीझ” कर किया
https://x.com/sudhanshutrived/status/1721945595517256116?s=46&t=k7DOzt02q2xVLz7J4o4Rmg
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हम जब दो सांसद की पार्टी थी अयोध्या में गोलियाँ चलती थी तब भी कहते थे राम मंदिर बनना चाहिए ये चार सौ की बहुमत वाली पार्टी होकर भी राम मंदिर के अस्तित्व पर सवाल करते थे।
आज भले ही सब पार्टियाँ ऊपरी तौर पर राम मंदिर के पक्ष में बोलती हो परन्तु देश की जनता को पता है कि हमने राम के प्रति समर्पण भक्ति भाव से अर्थात “रीझ” कर किया है इन्होंने परिस्थितियों से विवश होकर अर्थात् “खीझ” कर किया
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