25 जून, 1975 को इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान नसबंदी और नवीनीकरण जैसे क्रूर फैसलों ने देशवासियों को जो घाव दिए थे, वो दशकों बाद भी नहीं भर पाए हैं।
#DarkDaysOfEmergency
आपातकाल... कांग्रेस की कलंक कथा !
83 लाख लोगों की जबरदस्ती नसबंदी !
1 लाख लोगों को जेल में डाल दिया गया।
RSS पर लगा दिया गया था बैन।
जमात-ए-इस्लामी पर लगा दिया गया था बैन।
मीडिया दफ्तरों की बिजलियां काट दी गयी ताकि अखबार न छप पाए।
अटल, आडवाणी, जेपी, राजनारायण जैसे नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
मीडिया पर सैंक्शन लगा दिया गया, पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया।
ये लोकतंत्र की हत्या नहीं तो और क्या थी ?
#DarkDaysOfEmergency
आपातकाल... कांग्रेस की कलंक कथा !
83 लाख लोगों की जबरदस्ती नसबंदी !
1 लाख लोगों को जेल में डाल दिया गया।
RSS पर लगा दिया गया था बैन।
जमात-ए-इस्लामी पर लगा दिया गया था बैन।
मीडिया दफ्तरों की बिजलियां काट दी गयी ताकि अखबार न छप पाए।
अटल, आडवाणी, जेपी, राजनारायण जैसे नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
मीडिया पर सैंक्शन लगा दिया गया, पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया।
ये लोकतंत्र की हत्या नहीं तो और क्या थी ?
25 जून, 1975 को इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान नसबंदी और नवीनीकरण जैसे क्रूर फैसलों ने देशवासियों को जो घाव दिए थे, वो दशकों बाद भी नहीं भर पाए हैं।
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आपातकाल... कांग्रेस की कलंक कथा !
83 लाख लोगों की जबरदस्ती नसबंदी !
1 लाख लोगों को जेल में डाल दिया गया।
RSS पर लगा दिया गया था बैन।
जमात-ए-इस्लामी पर लगा दिया गया था बैन।
मीडिया दफ्तरों की बिजलियां काट दी गयी ताकि अखबार न छप पाए।
अटल, आडवाणी, जेपी, राजनारायण जैसे नेताओं को जेल में डाल दिया गया था।
मीडिया पर सैंक्शन लगा दिया गया, पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया।
ये लोकतंत्र की हत्या नहीं तो और क्या थी ?
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