हाथरस में शवों के ढेर देखकर बहुत ग्लानि का अहसास हो रहा
सैकडो महिलायें, बेटियाँ किसी भी इंसान में ईश्वर ढूँढ रहीं हैं
अरे आप स्वयं साक्षात जगदंबा का अंश है , कहाँ भीड़ में ईश्वर को ढूँढ रहे हो
हज़ारों वर्ष से प्रमाणित हिंदू ज्ञान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं हम
वैदिक मंत्रों , गीता , रामचरितमानस जैसे समय सिद्ध ग्रंथों और योग व आध्यात्म की समृद्ध परंपरा के वंशज हैं
ऐसी दयनीय स्थित क्यों ?
गुरु वो जो आपकी वैदिक ज्ञान , योग , ध्यान व दिव्य आध्यात्मिक शक्तियों की जागृति करें
जो इनसे विमुख करें वो गुरु नहीं
हर हिंदू स्वयं में एक पुण्यात्मा है जो इस पुण्य भूमि में जन्मी हैं ,इस दिव्य ज्ञान की वंश परंपरा का सहज हिस्सा है
बेटियों को जिहादी नोचने को तैयार बैठे हैं , बेटों को ड्रग्स , वासना और आत्म कुंठा में डुबाने की साज़िश हैं
समाज का जागरण ज़रूरी हैं
पाखंड और अंध विश्वास से हटकर स्वयं के हिन्दू होने का स्वाभिमान जागृत हो
अपने धर्म की आध्यात्मिक चेतना को पहचानों
स्वयं के तेज से विश्व का अंधकार दूर करना हैं
यहीं हमारा स्वधर्म हैं
Dr GP
सैकडो महिलायें, बेटियाँ किसी भी इंसान में ईश्वर ढूँढ रहीं हैं
अरे आप स्वयं साक्षात जगदंबा का अंश है , कहाँ भीड़ में ईश्वर को ढूँढ रहे हो
हज़ारों वर्ष से प्रमाणित हिंदू ज्ञान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं हम
वैदिक मंत्रों , गीता , रामचरितमानस जैसे समय सिद्ध ग्रंथों और योग व आध्यात्म की समृद्ध परंपरा के वंशज हैं
ऐसी दयनीय स्थित क्यों ?
गुरु वो जो आपकी वैदिक ज्ञान , योग , ध्यान व दिव्य आध्यात्मिक शक्तियों की जागृति करें
जो इनसे विमुख करें वो गुरु नहीं
हर हिंदू स्वयं में एक पुण्यात्मा है जो इस पुण्य भूमि में जन्मी हैं ,इस दिव्य ज्ञान की वंश परंपरा का सहज हिस्सा है
बेटियों को जिहादी नोचने को तैयार बैठे हैं , बेटों को ड्रग्स , वासना और आत्म कुंठा में डुबाने की साज़िश हैं
समाज का जागरण ज़रूरी हैं
पाखंड और अंध विश्वास से हटकर स्वयं के हिन्दू होने का स्वाभिमान जागृत हो
अपने धर्म की आध्यात्मिक चेतना को पहचानों
स्वयं के तेज से विश्व का अंधकार दूर करना हैं
यहीं हमारा स्वधर्म हैं
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हाथरस में शवों के ढेर देखकर बहुत ग्लानि का अहसास हो रहा
सैकडो महिलायें, बेटियाँ किसी भी इंसान में ईश्वर ढूँढ रहीं हैं
अरे आप स्वयं साक्षात जगदंबा का अंश है , कहाँ भीड़ में ईश्वर को ढूँढ रहे हो
हज़ारों वर्ष से प्रमाणित हिंदू ज्ञान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं हम
वैदिक मंत्रों , गीता , रामचरितमानस जैसे समय सिद्ध ग्रंथों और योग व आध्यात्म की समृद्ध परंपरा के वंशज हैं
ऐसी दयनीय स्थित क्यों ?
गुरु वो जो आपकी वैदिक ज्ञान , योग , ध्यान व दिव्य आध्यात्मिक शक्तियों की जागृति करें
जो इनसे विमुख करें वो गुरु नहीं
हर हिंदू स्वयं में एक पुण्यात्मा है जो इस पुण्य भूमि में जन्मी हैं ,इस दिव्य ज्ञान की वंश परंपरा का सहज हिस्सा है
बेटियों को जिहादी नोचने को तैयार बैठे हैं , बेटों को ड्रग्स , वासना और आत्म कुंठा में डुबाने की साज़िश हैं
समाज का जागरण ज़रूरी हैं
पाखंड और अंध विश्वास से हटकर स्वयं के हिन्दू होने का स्वाभिमान जागृत हो
अपने धर्म की आध्यात्मिक चेतना को पहचानों
स्वयं के तेज से विश्व का अंधकार दूर करना हैं
यहीं हमारा स्वधर्म हैं
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