रात दिन हिंदुओं की जाति , उपजाति की गणना की बात करने वाले , एक एक पहचान को अलग अलग करके इसी आधार पर राजनीति करने वाले

दुकान के बाहर पहचान लिखने के नाम पर कीड़ो की तरह बिलबिलाने क्यों लगे ?

पहचान छिपाने के पीछे कौन सा विषैला मक़सद है?

कुछ राजनीतिक दल उस विषैले मक़सद के समर्थन में क्यों ?
रात दिन हिंदुओं की जाति , उपजाति की गणना की बात करने वाले , एक एक पहचान को अलग अलग करके इसी आधार पर राजनीति करने वाले दुकान के बाहर पहचान लिखने के नाम पर कीड़ो की तरह बिलबिलाने क्यों लगे ? पहचान छिपाने के पीछे कौन सा विषैला मक़सद है? कुछ राजनीतिक दल उस विषैले मक़सद के समर्थन में क्यों ?
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