• 33 करोड़ देवता नहीं, बल्कि 33 कोटि देवता
    सनातन धर्म में '33 करोड़ देवता' का उल्लेख एक आम धारणा है, लेकिन यह एक गलतफहमी है जो वैदिक संस्कृत के गलत अनुवाद के कारण उत्पन्न हुई है। वास्तव में, वेदों में '33 कोटि' देवताओं का उल्लेख है, जिसका सही अर्थ 33 प्रकार या श्रेणियों के देवता है, न कि 33 करोड़ देवता। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस भिन्नता को समझें और सही संदर्भ में प्रस्तुत करें। 33 कोटि देवता: सही अर्थ वेदों में 'त्रयस्त्रिंशत कोटि'...
    0 Yorumlar 0 hisse senetleri 3578 Views 0 önizleme
  • The Largest Harappan Site Reshaping History
    Introduction Situated across 350 acres in the Ghaggar plain, Rakhigarhi stands as the largest known Harappan site, located 27 km from the seasonal Ghaggar river. In this groundbreaking discovery, Scottish archaeologist Jane McIntosh traces the site's roots to the valley of the prehistoric Drishadvati River, originating in the Siwalik Hills. The archaeological journey began in 1969, leading to...
    0 Yorumlar 0 hisse senetleri 6758 Views 0 önizleme
  • ऋषि, मुनि, साधु, संत, महर्षि, संन्यासी, महात्मा में क्या अंतर हैं?
    सनातन धर्म में ऋषि, मुनि, साधु, संत, महर्षि, संन्यासी, एवं महात्मा जैसे विभूतियों का उल्लेख बहुत आदर और सम्मान से किया जाता है। हालांकि, आधुनिक युग में अक्सर इन शब्दों को पर्यायवाची मान लिया जाता है, जबकि इन सभी में स्पष्ट और महत्वपूर्ण भिन्नताएँ हैं। आइए इन सभी उपाधियों के बीच के अंतर को विस्तार से समझें। ऋषि ऋषि वे विद्वान होते हैं जिन्होंने वैदिक ग्रंथों की रचना की है। उन्हें अपने कठोर...
    0 Yorumlar 0 hisse senetleri 4274 Views 0 önizleme
  • By
    By
    By