1. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रह-नक्षत्रों की चाल का विशेष महत्व होता है। ग्रहों की चाल से जहां व्यक्ति के जीवन पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता तो वहीं नक्षत्रों की गणना से व्यक्ति के स्वभाव तथा जीवनशैली पर असर होता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्रों का विवरण है। वैदिक ज्योतिष में ज्योतिषीय गणना के लिए कुल 12 राशियां होती हैं तथा आकाश को 27 नक्षत्रों में बांटा गया है। कुल 9 ग्रहों को इन 27 नक्षत्रों में बांटा गया है तथा हर एक ग्रह 3 नक्षत्रों के स्वामी होते हैं।
2. 🔹नक्षत्र मास
ज्योतिषीय गणना नक्षत्रों की गणना के आधार पर की जाती है और ये नक्षत्र चंद्रमा के पथ से संबंधित होते हैं। चंद्रमा लगभग 27 दिनों में पृथ्वी की परिक्रमा करता है। जिस तरह सूर्य हर महीने मेष से मीन राशि तक भ्रमण करता है, उसी तरह चंद्रमा भी एक सभी 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है। इस अवधि को नक्षत्रमास कहते हैं। इस प्रकार एक नक्षत्र मास 27 दिनों का होता है।
3. इन 27 नक्षत्रों को भी तीन हिस्सों में बांटा गया है – शुभ नक्षत्र, मध्यम नक्षत्र और अशुभ नक्षत्र।
🔹 शुभ नक्षत्र
शुभ नक्षत्र वे होते हैं जिनमें किए गए सभी कार्य सिद्ध और सफल होते हैं। इनमें 15 नक्षत्र माने गए हैं- रोहिणी, अश्विन, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा, रेवती, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढा, उत्तरा फाल्गुनी, घनिष्ठा, पुनर्वसु।
🔹 मध्यम नक्षत्र
मध्यम नक्षत्र के तहत वह नक्षत्र आते हैं जिसमें सामान्यतः कोई विशेष या बड़ा काम करना उचित नहीं, लेकिन सामान्य कामकाज के लिहाज से कोई नुकसान नहीं होता। इनमें जो नक्षत्र आते हैं वो हैं पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, विशाखा, ज्येष्ठा, आर्द्रा, मूला और शतभिषा।
🔹 अशुभ नक्षत्र
अशुभ नक्षत्र में तो कभी कोई शुभ काम करना ही नहीं चाहिए। इसके हमेशा बुरे नतीजे होते हैं या कामकाज में बाधा जरूर आती है। इसके तहत जो नक्षत्र आते हैं वो हैं- भरणी, कृतिका, मघा और आश्लेषा। ये नक्षत्र आम तौर पर बड़े और विध्वंसक कामकाज के लिए ठीक माने जाते हैं जैसे – कोई बिल्डिंग गिराना, कब्ज़े हटाना, आग लगाना, पहाड़ काटने के लिए विस्फोट करना या फिर कोई सैन्य या परमाणु परीक्षण करना आदि। लेकिन एक आम आदमी या जातक के लिए ये चारों ही नक्षत्र बेहद घातक और नुकसानदेह माने जाते हैं।
4. 🔹 सभी 27 नक्षत्रों के नाम व विशेषताएँ
1- अश्विनी नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष के अनुसार अश्विनी नक्षत्र सभी 27 नक्षत्रों में से पहला है। ज्योतिष में इस नक्षत्र को सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर आपका जन्म अश्विनी नक्षत्र में हुआ है तो आप बहुत ऊर्जावान और सक्रिय होंगे। l अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग स्वभाव से बहुत महत्वाकांक्षी और बेचैन होते हैं। वे हर काम जल्दी में करना चाहते हैं और जल्द से जल्द परिणाम चाहते हैं। इनका वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है और परिवार में खुशियाँ बनी रहती हैं।
2- भरणी नक्षत्र
यह सभी 27 नक्षत्रों में से दूसरा नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। यदि आप भरणी नक्षत्र से हैं, तो आप आराम पसंद व्यक्ति होंगे और एक शानदार जीवन जीने का सपना देखते हैं। इस नक्षत्र के लोग बहुत आकर्षक, सुंदर, अच्छे व्यवहार वाले होते हैं तथा इनका मिलनसार स्वभाव लोगों को आकर्षित करता है। सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान को अपना मूल मंत्र मानने वाले ये लोग प्रेम और सद्भाव से काम करना पसंद करते हैं।
3- कृत्तिका नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग सूर्य से प्रभावित होते हैं, इनमें आत्मसम्मान की भावना बहुत अधिक होती है। ये आसानी से किसी पर भरोसा नहीं करते। इनमें बहुत ऊर्जा होती है और ये कोई भी काम बहुत लगन और मेहनत से करते हैं। ये प्रेम में विश्वास रखते हैं और रिश्ते बनाने में माहिर होते हैं।
4-रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोग स्वभाव से काफी कल्पनाशील हैं। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग स्वभाव से काफी चंचल होते हैं और स्थिरता पसंद नहीं करते हैं। इनकी सबसे बड़ी कमी यह है कि ये कभी किसी एक मुद्दे या राय पर अड़े नहीं रहते। ये लोग स्वभाव से काफी मिलनसार होते हैं लेकिन साथ ही ये जीवन की सभी सुख-सुविधाओं को पाने की कोशिश भी करते हैं।
5- मृगशिरा नक्षत्र
इस नक्षत्र के जातकों पर मंगल का प्रभाव होने के कारण ये बहुत साहसी और दृढ़ निश्चयी होते हैं। ये बहुत मेहनती होते हैं और स्थिर जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। आकर्षक व्यक्तित्व वाले और हमेशा सतर्क रहने वाले ये लोग अपने साथ विश्वासघात करने वालों को कभी माफ नहीं करते तथा बदला जरूर लेते हैं। ये लोग बुद्धिमान, मानसिक रूप से मजबूत और संगीत प्रेमी होते हैं।
6- आर्द्रा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोग जीवन भर बुध तथा राहु से प्रभावित रहते हैं। राहु के प्रभाव के कारण, वे राजनीति में रुचि रखते हैं। वे दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। ऐसे लोगों को बेवकूफ बनाना बहुत मुश्किल होता है। दूसरों से काम निकलवाने में माहिर, इस नक्षत्र के लोग अपने निजी लाभ के लिए नैतिकता को भी त्याग देते हैं।
7 -पुनर्वसु नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग आध्यात्मिक प्रकृति के होते हैं और इनमें कुछ दैवीय प्रतिभाएँ भी होती हैं। इनकी स्मरण शक्ति बहुत तेज़ होती है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बहुत मिलनसार होते हैं और सभी से प्रेम से मिलते हैं। इन्हें कभी भी आर्थिक समस्या नहीं होती और इनका जीवन समृद्धि से भरा होता है।
8- पुष्य नक्षत्र
शनिदेव के प्रभाव वाले पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग हमेशा दूसरों के कल्याण के लिए तत्पर रहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बहुत मेहनती होते हैं। छोटी उम्र में ही कई समस्याओं का सामना करते हुए वे जल्दी परिपक्व हो जाते हैं और अंदर से मजबूत बन जाते हैं।
9-आश्लेषा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर आप भरोसा नहीं कर सकते। ये ईमानदार होते हैं लेकिन माना जाता है कि इनमें से ज़्यादातर लोग बेहद स्वार्थी होते हैं। ये अपने फ़ायदे के लिए दोस्त बनाते हैं और अपना मकसद पूरा होने के बाद उन्हें स्वीकार भी नहीं करते। ऐसे लोग कुशल व्यवसायी साबित होते हैं तथा अपना काम निकलवाना अच्छे से जानते हैं।
10- मघा नक्षत्र
मघा नक्षत्र में जन्में लोगों का स्वामी सूर्य होता है।इस वजह से इनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। स्वाभिमानी होते हैं तथा अपना आधिपत्य बनाकर रखना चाहते हैं। ये कर्मठ तथा मेहनती होते हैं और किसी भी काम को जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं। ईश्वर में इनकी गहरी आस्था होती है।
11- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र
यदि आपका जन्म इस नक्षत्र में हुआ है तो आपको संगीत और कला से विशेष लगाव होगा। आप नैतिकता और ईमानदारी के मार्ग पर चलना चाहेंगे और शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहेंगे। इस नक्षत्र के लोग कभी भी लड़ाई-झगड़े या विवाद में नहीं पड़ना चाहते। भौतिक सुख-सुविधाओं से इनका प्रभावित होना स्वाभाविक है और ये आर्थिक रूप से समृद्ध रहते हैं।
12- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोग बहुत समझदार और बुद्धिमान होते हैं। इनका उद्देश्य अपने लक्ष्य को अत्यंत धैर्य के साथ प्राप्त करना होता है। निजी क्षेत्र में ये इतने सफल नहीं होते, इसलिए ये सरकारी क्षेत्र को अपना करियर लक्ष्य बनाना चाहते हैं। इन्हें किसी भी काम को करने में बहुत समय लगता है और कई बार ये टाल-मटोल करके काम को टालने का इरादा भी रखते हैं। ऐसे लोग बातचीत में अधिक समय लगाते हैं और इसके ज़रिए बने रिश्तों को भी लंबे समय तक बनाए रखते हैं।
13- हस्त नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग बुद्धिमान होते हैं, एक दूसरे की मदद करते हैं लेकिन किसी भी बात पर निर्णय लेने में इन्हें दिक्कत होती है। ये असमंजस के शिकार होते हैं। व्यापार में इनकी अधिक रुचि होती है और ये अपना काम निकलवाना जानते हैं। इन्हें जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं मिलती हैं और भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।
14- चित्रा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोग मंगल ग्रह से प्रभावित होते हैं। इससे इनके रिश्ते सबसे अच्छे होते हैं। इन्हें समाज के लिए काम करना पसंद होता है। ये विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को बहुत संयम से चलाने में माहिर होते हैं। इनकी मेहनत और हिम्मत ही इनकी ताकत होती है।
15- स्वाति नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे जातकों में एक विशेष प्रकार की चमक होती है। ये अपने मधुर स्वभाव और व्यवहार से सभी का दिल जीत लेते हैं। इनकी राशि तुला है, इसलिए स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातकों में सात्विक और तामसिक दोनों ही प्रवृत्तियाँ होती हैं। राजनीतिक चालों को समझने में माहिर ये लोग हर परिस्थिति में जीत हासिल करना जानते हैं।
16- विशाखा नक्षत्र
इसके जातक पढ़ाई-लिखाई के मामले में अव्वल होते हैं। ये लोग बेहद सामाजिक होते हैं और इसलिए इनका सामाजिक दायरा भी बहुत बड़ा होता है। महत्वाकांक्षी होने के कारण ये अपने लक्ष्य को पाने के लिए मानसिक रूप से बहुत मेहनत करते हैं और तरह-तरह की युक्ति आजमाना जानते हैं।
17- अनुराधा नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग अपने सिद्धांतों और आदर्शों पर चलते हैं। इन्हें बहुत गुस्सा आता है और कई बार गुस्से में ये अपना नियंत्रण खो देते हैं, जिसके कारण इन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। ये लोग अपनी भावनाओं को दबा नहीं पाते और दिमाग से ज्यादा दिल से काम लेते हैं। अपनी तीखी और कड़वी जुबान के कारण इन्हें कई लोगों का विरोध भी झेलना पड़ता है। इसलिए लोग इन्हें कम पसंद करते हैं।
18- ज्येष्ठा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोग क्रोधित स्वभाव के होते हैं तथा छोटी-छोटी बातों पर लड़ने-झगड़ने को तैयार रहते हैं। खुले विचारों वाले ये लोग अपनी ज़िंदगी को सीमाओं में नहीं जी पाते।व्यावहारिक जीवन में इन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
19- मूल नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को न केवल खुद परेशानियों का सामना करना पड़ता है बल्कि उनके परिवार के सदस्यों को भी इसका भुगतान करना पड़ता है। हालाँकि, ये लोग बहुत बुद्धिमान और धैर्यवान होते हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों के प्रति इनकी वफ़ादारी भी बेमिसाल होती है तथा समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने में ये कभी पीछे नहीं रहते।
20-पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
अगर आप इस नक्षत्र में जन्मे हैं तो आपके व्यक्तित्व में ईमानदारी जरूर होगी। आप खुशमिजाज होंगे, कला-संस्कृति और साहित्य में आपकी दिलचस्पी होगी। रंगमंच से आपका लगाव होगा। आपके दोस्त खूब होंगे और आप दोस्ती निभाना जानते होंगे। आपका पारिवारिक और दांपत्य जीवन खुशहाल होगा और बेशक आप मृदुभाषी भी होंगे। ये सभी पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्में लोगों के खासियत होती है।
21- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोग कभी निराश नहीं होते। ये बहुत ही खुशमिजाज और आशावादी होते हैं। नौकरी और व्यापार दोनों में इन्हें सफलता मिलती है। ये अपने दोस्तों के लिए कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहते हैं। इनके सहयोगी स्वभाव के कारण इनका दायरा बड़ा होता है और इन्हें जीवन में आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
22-श्रवण नक्षत्र
इसके जातक अपने माता पिता के लिए कुछ भी कर सकते हैं। यानी श्रवण कुमार की तरह होते हैं। बेहद ईमानदार, अपने कर्तव्यों के लिए सचेत और समर्पित तथा मन से शांत और सौम्य। ये लोग जिस भी काम में हाथ डालते हैं उसमें उन्हें कामयाबी हासिल होती है।
23- घनिष्ठा नक्षत्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग कभी भी खाली बैठना पसंद नहीं करते हैं। ये हमेशा कुछ नया करने के बारे में सोचते रहते हैं। ये बहुत ऊर्जावान होते हैं और अपनी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। ये लोग अपने काम और बातों से दूसरों पर प्रभाव छोड़ते हैं और उन्हें प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। ये लोग शांतिपूर्ण जीवन जीना पसंद करते हैं।
24- शतभिषा नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग स्वभाव से बहुत आलसी होते हैं। वे शारीरिक श्रम में बिल्कुल भी विश्वास नहीं करते हैं तथा दूसरों पर हुक्म चलाना चाहते हैं और अपनी बुद्धि से अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं। वे बहुत स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं और किसी भी व्यवसाय में एक साथ या साझेदारी में काम नहीं कर सकते हैं। वे स्वतंत्र रूप से काम करना पसंद करते हैं। उन्हें मशीनी जीवन पसंद नहीं है और वे हमेशा दूसरों पर हावी होने की कोशिश करते हैं।
25- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र
इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है और इसके जातक सत्य और नैतिकता को अधिक महत्व देते हैं। ये लोग हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं और बहुत ही अच्छे व्यवहार वाले और मिलनसार होते हैं।
26- उत्तराभाद्रपद नक्षत्र
इस नक्षत्र के लोग बहुत यथार्थवादी होते हैं और वे जमीनी हकीकत में विश्वास करते हैं। वे सपनों की दुनिया में नहीं जीते। वे बहुत मेहनती होते हैं और उन्हें अपने काम पर भरोसा होता है, इसलिए वे जहाँ भी काम करते हैं, वहाँ सफल होते हैं। उनमें त्याग की भावना बहुत होती है और कई बार वे खुद के नुकसान की कीमत पर भी दूसरों के लिए बहुत कुछ करते हैं।
27- रेवती नक्षत्र
रेवती नक्षत्र में जन्मे जातक बहुत ईमानदार होते हैं तथा किसी को धोखा नहीं दे सकते। परंपराओं और मान्यताओं में इनका बहुत विश्वास होता है और वे उनका पालन भी करते हैं। हालाँकि, यह रूढ़िवादिता इनके व्यवहार में नहीं दिखती और ये सभी से मिलते समय मृदुभाषी तरीके से काम करते हैं। ये पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं और इनकी बुद्धि बेजोड़ होती है।
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