ऑफशोर विंड ऊर्जा परियोजनाओं की मंजूरी:
कैबिनेट ने "ऐतिहासिक निर्णय" लेते हुए 500 मेगावाट क्षमता की दो ऑफशोर विंड ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह कदम देश की ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा स्रोतों की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
वधावन मेगा पोर्ट परियोजना की मंजूरी:
कैबिनेट ने महाराष्ट्र के पालघर में वधावन मेगा पोर्ट परियोजना को मंजूरी दी है, जिसकी कुल लागत ₹76,200 करोड़ है। यह परियोजना न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगी।
वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे के विस्तार की मंजूरी:
कैबिनेट ने वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे के विस्तार को भी मंजूरी दी है, जिसकी लागत लगभग ₹2,870 करोड़ है। इस परियोजना के तहत एक और टर्मिनल भवन जोड़ा जाएगा, जिससे हवाई अड्डे की क्षमता और यात्री सुविधा में वृद्धि होगी।
फॉरेंसिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने की योजना:
कैबिनेट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फॉरेंसिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने की योजना को भी मंजूरी दी है। इस ₹2,254 करोड़ की योजना के तहत हर साल लगभग 9,000 छात्रों के लिए प्रशिक्षण केंद्र उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम न्यायिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ बनाने और आपराधिक जांच को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हेतु योजना:
कैबिनेट ने प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए एक समग्र योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपदा प्रबंधन में सहायता प्रदान की जाएगी और आपदा से निपटने के लिए आवश्यक संसाधनों का विकास किया जाएगा।
निष्कर्ष:
कैबिनेट के ये फैसले देश के बुनियादी ढांचे और विकास के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार और विस्तार की दिशा में कदम हैं। इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से राष्ट्रीय प्रगति और विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।