चैत्र नवरात्रि प्रथम दिवस पर भगवान के वस्त्र अति विशेष हैं

प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात् पहली बार प्रभु के वस्त्रों की ‘शैली’ को बदला गया है। मयूर व अन्य वैष्णव चिन्हों को रंग-बिरंगे रेशम के साथ-साथ असली तारों से काढ़ा गया है

दिव्य दर्शन -चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2081
चैत्र नवरात्रि प्रथम दिवस पर भगवान के वस्त्र अति विशेष हैं प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात् पहली बार प्रभु के वस्त्रों की ‘शैली’ को बदला गया है। मयूर व अन्य वैष्णव चिन्हों को रंग-बिरंगे रेशम के साथ-साथ असली तारों से काढ़ा गया है दिव्य दर्शन -चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2081
0 Commentarii 0 Distribuiri 6233 Views 0 previzualizare