केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "जब तक मैं हूँ, मैं भारत में ड्राइवरलेस कारों को कभी अनुमति नहीं दूँगा।"
"मैंने अमेरिका में ही कहा था कि किसी भी कीमत पर मैं भारत में ऐसी कारों को अनुमति नहीं दूँगा। अन्यथा, लगभग 80 लाख ड्राइवरों की नौकरियां चली जाएंगी।"
"हमारे देश में, बड़ी संख्या में लोग ड्राइवर के रूप में काम करते हैं। ड्राइवरलेस कारें उनकी नौकरियां छीन लेंगी।"
"ऐसे वाहन केवल छोटे जनसंख्या वाले देशों के लिए उपयुक्त हैं।" ⚡ - नितिन गडकरी ने स्पष्ट कर दिया।
My thoughts!
वैसे तो बहुत कुछ ऑटोमेटिक हो गया है हमारे जीवन से जुड़े हुए काम, जैसे पराली काटना, खेती करना, मुर्गी का काटना, पैकिंग करना और भी बहुत सारे मैन्युअल काम चले गए हैं।
यह ऐसे कहने से कुछ बात नहीं बनेगा लेकिन नए बच्चों को आगे बढ़ने की हौसला रुक जाएगा! नए जेनरेशन को नया तकनीक सिखाइए और धीरे-धीरे फेज में इसको भी कीजिए।
"मैंने अमेरिका में ही कहा था कि किसी भी कीमत पर मैं भारत में ऐसी कारों को अनुमति नहीं दूँगा। अन्यथा, लगभग 80 लाख ड्राइवरों की नौकरियां चली जाएंगी।"
"हमारे देश में, बड़ी संख्या में लोग ड्राइवर के रूप में काम करते हैं। ड्राइवरलेस कारें उनकी नौकरियां छीन लेंगी।"
"ऐसे वाहन केवल छोटे जनसंख्या वाले देशों के लिए उपयुक्त हैं।" ⚡ - नितिन गडकरी ने स्पष्ट कर दिया।
My thoughts!
वैसे तो बहुत कुछ ऑटोमेटिक हो गया है हमारे जीवन से जुड़े हुए काम, जैसे पराली काटना, खेती करना, मुर्गी का काटना, पैकिंग करना और भी बहुत सारे मैन्युअल काम चले गए हैं।
यह ऐसे कहने से कुछ बात नहीं बनेगा लेकिन नए बच्चों को आगे बढ़ने की हौसला रुक जाएगा! नए जेनरेशन को नया तकनीक सिखाइए और धीरे-धीरे फेज में इसको भी कीजिए।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "जब तक मैं हूँ, मैं भारत में ड्राइवरलेस कारों को कभी अनुमति नहीं दूँगा।"
"मैंने अमेरिका में ही कहा था कि किसी भी कीमत पर मैं भारत में ऐसी कारों को अनुमति नहीं दूँगा। अन्यथा, लगभग 80 लाख ड्राइवरों की नौकरियां चली जाएंगी।"
"हमारे देश में, बड़ी संख्या में लोग ड्राइवर के रूप में काम करते हैं। ड्राइवरलेस कारें उनकी नौकरियां छीन लेंगी।"
"ऐसे वाहन केवल छोटे जनसंख्या वाले देशों के लिए उपयुक्त हैं।" ⚡ - नितिन गडकरी ने स्पष्ट कर दिया।
My thoughts!
वैसे तो बहुत कुछ ऑटोमेटिक हो गया है हमारे जीवन से जुड़े हुए काम, जैसे पराली काटना, खेती करना, मुर्गी का काटना, पैकिंग करना और भी बहुत सारे मैन्युअल काम चले गए हैं।
यह ऐसे कहने से कुछ बात नहीं बनेगा लेकिन नए बच्चों को आगे बढ़ने की हौसला रुक जाएगा! नए जेनरेशन को नया तकनीक सिखाइए और धीरे-धीरे फेज में इसको भी कीजिए।
0 Comentários
0 Compartilhamentos
385 Visualizações
0 Anterior