• Tata Motors overtakes US giant General Motors after m-cap hits $50 billion, powered by a 50% rally in stock since beginning of 2024.

    ओ हो हो मन में हे विश्वास, पूरा हे विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन

    But Nirmala Tai don't know finance and market
    Tata Motors overtakes US giant General Motors after m-cap hits $50 billion, powered by a 50% rally in stock since beginning of 2024. ओ हो हो मन में हे विश्वास, पूरा हे विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन But Nirmala Tai don't know finance and market
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 1223 Views 0 Προεπισκόπηση
  • Pakistan's KPK (Khyabar Pakhtunkhwa) is unofficially under TTP's control.

    POK और गिलगित बाल्टीस्तान दे दो... KPK ले लो.

    ठीक ठाक डील है... वरना बाद में दोनों ही हाथ से जाएंगे.
    Pakistan's KPK (Khyabar Pakhtunkhwa) is unofficially under TTP's control. POK और गिलगित बाल्टीस्तान दे दो... KPK ले लो. ठीक ठाक डील है... वरना बाद में दोनों ही हाथ से जाएंगे.
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 994 Views 0 Προεπισκόπηση
  • शबरी बोली - यदि रावण का अंत नहीं करना होता, तो राम तुम यहाँ आते ही नही!

    राम गंभीरता से कहा, भ्रम में न पड़ो माता
    राम क्या रावण का वध करने आया है ?

    अरे रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से वाण चला भी कर सकता है।

    राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल तुमसे मिलने आया है माता, ताकि हजारों वर्षों बाद जब कोई पाखण्डी भारत के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करे तो इतिहास चिल्ला कर उत्तर दे कि इस राष्ट्र को छत्रिय राजा राम और उसकी भीलनी माँ ने मिल कर गढ़ा था। क्योंकि किसी भी सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना बिना समाज के हर वर्ग को जोड़े तो हो ही नही सकती। जब तक समाज का गरीब, शोषित , वंचित , वनवासी आदिवासी किसी भी व्यक्ति की सत्ता से दूरी रहेगी, उंसकी भागीदारी नही होगी तब तक असली रामराज्य की कल्पना नही की जा सकती।

    जब कोई कपटी भारत की परम्पराओं पर उँगली उठाये तो तो काल उसका गला पकड़ कर कहे कि नहीं, यह एकमात्र ऐसी सभ्यता है जहाँ एक राजपुत्र वन में प्रतीक्षा करती एक दरिद्र वनवासिनी से भेंट करके आशिर्वाद लेता है।

    राम वन में बस इसलिए आया है ताकि जब युगों का इतिहास लिखा जाय तो उसमें अंकित हो कि सत्ता जब पैदल चल कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे तभी असली रामराज्य है।

    राम वन में इसलिए आया है ताकि भविष्य स्मरण रखे कि प्रतिक्षाएँ अवश्य पूरी होती हैं, चाहे वो गरीब वृद्ध भीलनी की ही क्यों न हो। बस वहाँ विस्वाश की भावना प्रबल होनी चाहिए।

    राम ने फिर कहा- राम की वन यात्रा केवल रावण युद्ध के लिए नहीं है माता
    राम की यात्रा प्रारंभ हुई है भविष्य के लिए आदर्श की स्थापना के लिए
    राम आया है ताकि भारत को बता सके कि अन्याय का अंत करना ही धर्म है

    राम आया है ताकि युगों को सीख दे सके कि विदेश में बैठे शत्रु की समाप्ति के लिए आवश्यक है कि पहले देश में बैठी उसकी समर्थक सूर्पणखाओं की नाक काटी जाय और खर-दूषणो का घमंड तोड़ा जाये !

    और राम आया है ताकि युगों को बता सके कि रावणों से युद्ध केवल राम की शक्ति से नहीं बल्कि वन में बैठी शबरी के आशीर्वाद से जीते जाते हैं

    शबरी की आँखों में जल भर आया था

    उसने बात बदलकर कहा - बेर खाओगे राम ?
    राम मुस्कुराए, "बिना खाये जाऊंगा भी नहीं माता"

    शबरी अपनी कुटिया से झपोली में बेर ले कर आई और राम के समक्ष रख दिया
    राम और लक्ष्मण खाने लगे तो कहा - मीठे हैं न प्रभु ?

    यहाँ आ कर मीठे और खट्टे का भेद भूल गया हूँ माता
    बस इतना समझ रहा हूँ कि यही अमृत है

    शबरी मुस्कुराईं, बोली - "सचमुच तुम मर्यादा पुरुषोत्तम हो राम"

    जय सियाराम....🙏⛳⛳

    The western model of LEADERSHIP is not Leadership, It is promoting slavery

    Every top University today have a course based on the Western model of LEADERSHIP but what they actually teach is how to manage, that is slavery

    The basis of strong deep rooted Leadership is CHARACTER
    शबरी बोली - यदि रावण का अंत नहीं करना होता, तो राम तुम यहाँ आते ही नही! राम गंभीरता से कहा, भ्रम में न पड़ो माता राम क्या रावण का वध करने आया है ? अरे रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से वाण चला भी कर सकता है। राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल तुमसे मिलने आया है माता, ताकि हजारों वर्षों बाद जब कोई पाखण्डी भारत के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करे तो इतिहास चिल्ला कर उत्तर दे कि इस राष्ट्र को छत्रिय राजा राम और उसकी भीलनी माँ ने मिल कर गढ़ा था। क्योंकि किसी भी सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना बिना समाज के हर वर्ग को जोड़े तो हो ही नही सकती। जब तक समाज का गरीब, शोषित , वंचित , वनवासी आदिवासी किसी भी व्यक्ति की सत्ता से दूरी रहेगी, उंसकी भागीदारी नही होगी तब तक असली रामराज्य की कल्पना नही की जा सकती। जब कोई कपटी भारत की परम्पराओं पर उँगली उठाये तो तो काल उसका गला पकड़ कर कहे कि नहीं, यह एकमात्र ऐसी सभ्यता है जहाँ एक राजपुत्र वन में प्रतीक्षा करती एक दरिद्र वनवासिनी से भेंट करके आशिर्वाद लेता है। राम वन में बस इसलिए आया है ताकि जब युगों का इतिहास लिखा जाय तो उसमें अंकित हो कि सत्ता जब पैदल चल कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे तभी असली रामराज्य है। राम वन में इसलिए आया है ताकि भविष्य स्मरण रखे कि प्रतिक्षाएँ अवश्य पूरी होती हैं, चाहे वो गरीब वृद्ध भीलनी की ही क्यों न हो। बस वहाँ विस्वाश की भावना प्रबल होनी चाहिए। राम ने फिर कहा- राम की वन यात्रा केवल रावण युद्ध के लिए नहीं है माता राम की यात्रा प्रारंभ हुई है भविष्य के लिए आदर्श की स्थापना के लिए राम आया है ताकि भारत को बता सके कि अन्याय का अंत करना ही धर्म है राम आया है ताकि युगों को सीख दे सके कि विदेश में बैठे शत्रु की समाप्ति के लिए आवश्यक है कि पहले देश में बैठी उसकी समर्थक सूर्पणखाओं की नाक काटी जाय और खर-दूषणो का घमंड तोड़ा जाये ! और राम आया है ताकि युगों को बता सके कि रावणों से युद्ध केवल राम की शक्ति से नहीं बल्कि वन में बैठी शबरी के आशीर्वाद से जीते जाते हैं शबरी की आँखों में जल भर आया था उसने बात बदलकर कहा - बेर खाओगे राम ? राम मुस्कुराए, "बिना खाये जाऊंगा भी नहीं माता" शबरी अपनी कुटिया से झपोली में बेर ले कर आई और राम के समक्ष रख दिया राम और लक्ष्मण खाने लगे तो कहा - मीठे हैं न प्रभु ? यहाँ आ कर मीठे और खट्टे का भेद भूल गया हूँ माता बस इतना समझ रहा हूँ कि यही अमृत है शबरी मुस्कुराईं, बोली - "सचमुच तुम मर्यादा पुरुषोत्तम हो राम" जय सियाराम....🙏⛳⛳ The western model of LEADERSHIP is not Leadership, It is promoting slavery Every top University today have a course based on the Western model of LEADERSHIP but what they actually teach is how to manage, that is slavery The basis of strong deep rooted Leadership is CHARACTER
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 1226 Views 0 Προεπισκόπηση
  • ओलंपिक का दोगलापन देखिए, इजराइल के बंधको को चुवाने के लिए येलो रिबन को बन कर दिया, जबकि फिलीस्तीन पर बम गिराता इजरायल शर्त पर प्रिंट कर के दिखाया जा रहा है, खेल नही खेला हो रहा है
    ओलंपिक का दोगलापन देखिए, इजराइल के बंधको को चुवाने के लिए येलो रिबन को बन कर दिया, जबकि फिलीस्तीन पर बम गिराता इजरायल शर्त पर प्रिंट कर के दिखाया जा रहा है, खेल नही खेला हो रहा है
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 922 Views 0 Προεπισκόπηση
  • जय सूर्यदेव।
    जय सूर्यदेव।
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 558 Views 0 Προεπισκόπηση
  • एक चुटकुला सुनिए।

    भाजपा-जदयू सरकार ने बिहार विधानसभा में पेपर लीक के विरुद्ध कड़े प्रावधानों वाला विधेयक लाया। यह चुटकुला नहीं है।

    इस विधेयक के अंतर्गत पेपर लीक करने वाले को 10 वर्ष का कारावास और 1 करोड़ रुपये के आर्थिक दंड का प्रावधान है। यह भी चुटकुला नहीं है।

    यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। यह तो चुटकुला हो ही नहीं सकता।

    चुटकुला यह है कि नीट पेपर लीक को लेकर युवाओं के हितों के झंडाबरदार बनकर जमकर छाती कूटने वाले काँग्रेस-राजद ने इस विधेयक के विरोध में सदन में हंगामा करते हुए वॉक आउट कर दिया।

    जैसे ही नीट पेपर लीक में डॉटेड अलायन्स के 'कोर वोटर्स' की संलिप्तता सामने आई, युवा हितों के झंडाबरदार भाग खड़े हुए।
    यह है इनका असली चाल, चरित्र और चेहरा!
    एक चुटकुला सुनिए। भाजपा-जदयू सरकार ने बिहार विधानसभा में पेपर लीक के विरुद्ध कड़े प्रावधानों वाला विधेयक लाया। यह चुटकुला नहीं है। इस विधेयक के अंतर्गत पेपर लीक करने वाले को 10 वर्ष का कारावास और 1 करोड़ रुपये के आर्थिक दंड का प्रावधान है। यह भी चुटकुला नहीं है। यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। यह तो चुटकुला हो ही नहीं सकता। चुटकुला यह है कि नीट पेपर लीक को लेकर युवाओं के हितों के झंडाबरदार बनकर जमकर छाती कूटने वाले काँग्रेस-राजद ने इस विधेयक के विरोध में सदन में हंगामा करते हुए वॉक आउट कर दिया। जैसे ही नीट पेपर लीक में डॉटेड अलायन्स के 'कोर वोटर्स' की संलिप्तता सामने आई, युवा हितों के झंडाबरदार भाग खड़े हुए। यह है इनका असली चाल, चरित्र और चेहरा!
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 989 Views 0 Προεπισκόπηση
  • संसद में राघव चड्ढा ने बोला कि भारतीय ब्रिटेन की तरह टैक्स देते हैं लेकिन सोमालिया की तरह सुविधा पाते हैं

    इस राघव चड्ढा ने अपनी 1 साल की कमाई मात्र 2 लाख 44000 बताया है

    और यह लंदन के विंबलडन टेनिस मैच का मजा ले रहा था जहां सबसे कम दाम वाला टिकट 11 लाख रुपए का है

    आने जाने का प्लेन का भाड़ा और होटल का खर्चा गिनो तो करीब 50 लाख रुपए होता है

    तो यह जादू यह बंदा कैसे किया यह बताये ताकि दूसरे भारतीय भी यह जादू कर सकें

    Now you understand the root cause of this all Tax issues
    संसद में राघव चड्ढा ने बोला कि भारतीय ब्रिटेन की तरह टैक्स देते हैं लेकिन सोमालिया की तरह सुविधा पाते हैं इस राघव चड्ढा ने अपनी 1 साल की कमाई मात्र 2 लाख 44000 बताया है और यह लंदन के विंबलडन टेनिस मैच का मजा ले रहा था जहां सबसे कम दाम वाला टिकट 11 लाख रुपए का है आने जाने का प्लेन का भाड़ा और होटल का खर्चा गिनो तो करीब 50 लाख रुपए होता है तो यह जादू यह बंदा कैसे किया यह बताये ताकि दूसरे भारतीय भी यह जादू कर सकें Now you understand the root cause of this all Tax issues
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 1006 Views 0 Προεπισκόπηση
  • पिछले १० वर्षों में FCI के एक भी गोदाम में रखी चीनी भीगी नहीं और अनाज सड़ा नहीं,

    जब कि पहले हर साल हज़ारों टन अनाज खराब होता था..!
    पिछले १० वर्षों में FCI के एक भी गोदाम में रखी चीनी भीगी नहीं और अनाज सड़ा नहीं, जब कि पहले हर साल हज़ारों टन अनाज खराब होता था..!
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 992 Views 0 Προεπισκόπηση
  • साबिर नाम है मेरा
    उमर मस्जिद के पास रहता हूं
    जिसको जो उखाड़ना हो उखाड़ लो

    मेरा बस चले तो मोदी-योगी को मैं उड़ा दूं।

    अभी हम मुसलमान चुप हैं, जिस दिन अपने पर आ गए सबको तबाह कर देंगे।

    हमारी सरकार जब आएगी तब देखेंगे कौन बोलता है।

    मोदी की सरकार जाने दो सारे हिन्दुओ को खत्म कर देंगे।

    जिस दिन हमारी सरकार आ गयी सबको मिटा देंगे।

    लॉकडाउन लगाया गया था केवल मंदिर बनाने के लिए।
    साबिर नाम है मेरा उमर मस्जिद के पास रहता हूं जिसको जो उखाड़ना हो उखाड़ लो मेरा बस चले तो मोदी-योगी को मैं उड़ा दूं। अभी हम मुसलमान चुप हैं, जिस दिन अपने पर आ गए सबको तबाह कर देंगे। हमारी सरकार जब आएगी तब देखेंगे कौन बोलता है। मोदी की सरकार जाने दो सारे हिन्दुओ को खत्म कर देंगे। जिस दिन हमारी सरकार आ गयी सबको मिटा देंगे। लॉकडाउन लगाया गया था केवल मंदिर बनाने के लिए।
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 868 Views 0 Προεπισκόπηση
  • Alarming!!
    यह जो कहा जा रहा है कि बीजेपी अयोध्या में हार गई बीजेपी बद्रीनाथ में हार गई इसके पीछे उनकी कितनी बड़ी साजिश है यह आप वीडियो देखिए जो पिछले साल का है

    जब वृंदावन में यूपी एसटीएफ ने छापा मार कर 300 से ज्यादा रोहिंग्या बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया

    जिन्हें यहां सिर्फ इसलिए बसाया गया था ताकि यह हिंदू तीर्थ स्थल की डेमोग्राफी बदल सके

    उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड पूरे प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या को पकड़ रही है

    सबसे बड़ा आश्चर्य कि मुस्लिम बहुल इलाके जैसे बरेली मुरादाबाद संभल मुजफ्फरनगर में रोहिंग्या नहीं मिल रहे वही मथुरा में 300 और वृंदावन में भी 300 रोहिंग्या पकड़े गए

    सोचिए हिंदू धार्मिक स्थलों की डेमोग्राफी बदलने की कितनी खतरनाक साजिश चल रही है

    रोहिंग्या को बांग्लादेश के कॉक्स बाजार शरणार्थी कैंप से बॉर्डर पार कराकर को कोलकाता लाया जा रहा है फिर कोलकाता से उन्हें अयोध्या वृंदावन मथुरा द्वारिका जैसे हिंदू धार्मिक स्थलों पर बसाने का काम कोई बाहरी एजेंसी नहीं बल्कि भारत की ही इस्लामिक संस्थाएं कर रही है
    Alarming!! यह जो कहा जा रहा है कि बीजेपी अयोध्या में हार गई बीजेपी बद्रीनाथ में हार गई इसके पीछे उनकी कितनी बड़ी साजिश है यह आप वीडियो देखिए जो पिछले साल का है जब वृंदावन में यूपी एसटीएफ ने छापा मार कर 300 से ज्यादा रोहिंग्या बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया जिन्हें यहां सिर्फ इसलिए बसाया गया था ताकि यह हिंदू तीर्थ स्थल की डेमोग्राफी बदल सके उत्तर प्रदेश पुलिस की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड पूरे प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या को पकड़ रही है सबसे बड़ा आश्चर्य कि मुस्लिम बहुल इलाके जैसे बरेली मुरादाबाद संभल मुजफ्फरनगर में रोहिंग्या नहीं मिल रहे वही मथुरा में 300 और वृंदावन में भी 300 रोहिंग्या पकड़े गए सोचिए हिंदू धार्मिक स्थलों की डेमोग्राफी बदलने की कितनी खतरनाक साजिश चल रही है रोहिंग्या को बांग्लादेश के कॉक्स बाजार शरणार्थी कैंप से बॉर्डर पार कराकर को कोलकाता लाया जा रहा है फिर कोलकाता से उन्हें अयोध्या वृंदावन मथुरा द्वारिका जैसे हिंदू धार्मिक स्थलों पर बसाने का काम कोई बाहरी एजेंसी नहीं बल्कि भारत की ही इस्लामिक संस्थाएं कर रही है
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 838 Views 0 Προεπισκόπηση
  • शबरी राम की पूजा करती थी

    शबरी बेर बेच नहीं रही थी

    शबरी ने राम से अपना नाम और पहचान नहीं छिपाई

    मां शबरी के नाम पर मो. शब्बीर की दुकान नहीं चलने देंगे

    झूठा नाम बताकर धोखा देकर थूक मिला खाना बेचने की संवैधानिक आज़ादी ही असली धर्म निरपेक्षता है
    शबरी राम की पूजा करती थी शबरी बेर बेच नहीं रही थी शबरी ने राम से अपना नाम और पहचान नहीं छिपाई मां शबरी के नाम पर मो. शब्बीर की दुकान नहीं चलने देंगे झूठा नाम बताकर धोखा देकर थूक मिला खाना बेचने की संवैधानिक आज़ादी ही असली धर्म निरपेक्षता है
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 683 Views 0 Προεπισκόπηση
  • रात दिन हिंदुओं की जाति , उपजाति की गणना की बात करने वाले , एक एक पहचान को अलग अलग करके इसी आधार पर राजनीति करने वाले

    दुकान के बाहर पहचान लिखने के नाम पर कीड़ो की तरह बिलबिलाने क्यों लगे ?

    पहचान छिपाने के पीछे कौन सा विषैला मक़सद है?

    कुछ राजनीतिक दल उस विषैले मक़सद के समर्थन में क्यों ?
    रात दिन हिंदुओं की जाति , उपजाति की गणना की बात करने वाले , एक एक पहचान को अलग अलग करके इसी आधार पर राजनीति करने वाले दुकान के बाहर पहचान लिखने के नाम पर कीड़ो की तरह बिलबिलाने क्यों लगे ? पहचान छिपाने के पीछे कौन सा विषैला मक़सद है? कुछ राजनीतिक दल उस विषैले मक़सद के समर्थन में क्यों ?
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 684 Views 0 Προεπισκόπηση
  • लॉन्ग टर्म प्रॉपर्टी टैक्स कम हुआ ... !!!

    अब तक लांग टर्म में रियलएस्टेट की बिक्री पर इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत लॉन्ग टर्म गेन पर 20 प्रतिशत का टैक्स लगता था, अब इस बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन के तहत संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन को हटाया गया है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है।

    अभी तक इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत महंगाई दर को समायोजित करने के बाद प्रापर्टी की तय होती थी। मान लीजिए वर्ष 2014-15 में 100 रुपये में किसी प्रापर्टी को खरीदा गया था। वर्ष 2024-25 में कास्ट आफ इंफ्लेशन इंडेक्स (सीआइआइ) 363 है जो वित्त वर्ष 2014-15 में 240 था। इस हिसाब से इस साल 100 रुपये में खरीदी गई उस प्रापर्टी की इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपये बनती है।

    अगर 100 रुपये की उस प्रापर्टी को अभी 800 रुपये में बेचते हैं तो इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपए घटाने अन्य पर कैपिटलगेन 649 रुपए बनता है और 20 प्रतिशत की दर से उस पर 129 रुपए का लॉन्गटर्म कैपिटल गेन टैक्स बना। वहीं अगर नई प्रणाली के तहत उस प्रापर्टी की बिक्री 800 में करने पर 700 रुपये पर 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा और उस पर 87.5 रुपये का कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जो कि पुरानी व्यवस्था की टैक्स राशि से 42 रुपये कम है। इस तरह नई व्यवस्था में 32.6 प्रतिशत टैक्स की बचत हो रही है।
    लॉन्ग टर्म प्रॉपर्टी टैक्स कम हुआ ... !!! अब तक लांग टर्म में रियलएस्टेट की बिक्री पर इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत लॉन्ग टर्म गेन पर 20 प्रतिशत का टैक्स लगता था, अब इस बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन के तहत संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन को हटाया गया है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है। अभी तक इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत महंगाई दर को समायोजित करने के बाद प्रापर्टी की तय होती थी। मान लीजिए वर्ष 2014-15 में 100 रुपये में किसी प्रापर्टी को खरीदा गया था। वर्ष 2024-25 में कास्ट आफ इंफ्लेशन इंडेक्स (सीआइआइ) 363 है जो वित्त वर्ष 2014-15 में 240 था। इस हिसाब से इस साल 100 रुपये में खरीदी गई उस प्रापर्टी की इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपये बनती है। अगर 100 रुपये की उस प्रापर्टी को अभी 800 रुपये में बेचते हैं तो इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपए घटाने अन्य पर कैपिटलगेन 649 रुपए बनता है और 20 प्रतिशत की दर से उस पर 129 रुपए का लॉन्गटर्म कैपिटल गेन टैक्स बना। वहीं अगर नई प्रणाली के तहत उस प्रापर्टी की बिक्री 800 में करने पर 700 रुपये पर 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा और उस पर 87.5 रुपये का कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जो कि पुरानी व्यवस्था की टैक्स राशि से 42 रुपये कम है। इस तरह नई व्यवस्था में 32.6 प्रतिशत टैक्स की बचत हो रही है।
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 844 Views 0 Προεπισκόπηση
  • Do you know, overseas professionally run vineyard make more revenue from tourism then selling wine

    So why not monetise your fruit orchard with touch of local life. We have plenty of them from Orange, leechi, Mango and what not

    Why wasting your farm and missing this global change in tourism industry

    चलो ना.....जी ले कुछ इस कदर, कि लगे जैसे
    जिन्दगी हमें नहीं, जिन्दगी को हम मिल गये हैं
    Do you know, overseas professionally run vineyard make more revenue from tourism then selling wine So why not monetise your fruit orchard with touch of local life. We have plenty of them from Orange, leechi, Mango and what not Why wasting your farm and missing this global change in tourism industry चलो ना.....जी ले कुछ इस कदर, कि लगे जैसे जिन्दगी हमें नहीं, जिन्दगी को हम मिल गये हैं
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 1020 Views 0 Προεπισκόπηση
  • जयजय सीताराम ।
    जयजय सीताराम ।
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 410 Views 0 Προεπισκόπηση
  • चार केले खिलाने हैं तो सर पर टोपी लगाकर पहचान दिखाकर खिलाओगे...❓️

    लेकिन जब 400 लोगों को सामान बेचना होगा तो अपनी पहचान नहीं बताओगे...👎
    चार केले खिलाने हैं तो सर पर टोपी लगाकर पहचान दिखाकर खिलाओगे...❓️ लेकिन जब 400 लोगों को सामान बेचना होगा तो अपनी पहचान नहीं बताओगे...👎
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 598 Views 0 Προεπισκόπηση
  • Samaj rahe ** na Binod!
    किसी भी दुकानदार से समान खरीदने से पहले ही QR कोड को Scan जरूर से कर लेना चाहिए एक बार ताकि बाद में UPI से पेमेंट करते समय कोई परेशानी न हो और यदि दुकांदार Cash पेमेंट पर जोर दे तो उससे बचना चाहिए क्योंकि Black Money को कैश से बढ़ावा मिलता है।
    Samaj rahe ho na Binod! किसी भी दुकानदार से समान खरीदने से पहले ही QR कोड को Scan जरूर से कर लेना चाहिए एक बार ताकि बाद में UPI से पेमेंट करते समय कोई परेशानी न हो और यदि दुकांदार Cash पेमेंट पर जोर दे तो उससे बचना चाहिए क्योंकि Black Money को कैश से बढ़ावा मिलता है।
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 982 Views 0 Προεπισκόπηση
  • क्या आप हलाल जानते हैं?
    ---
    यह सवाल मैंने एक मित्र से पूछा जो बहुत दुखी था कि कुछ दुकानदार भगवा झंडा क्यों लगा रहे हैं। वो "Ashamed as a Hindu" महसूस कर रहा था।

    ऐसा दुख अक्सर उन लोगों को होता है जिनको न तो अपने इतिहास का पता हो न वर्तमान का। थूक और पेशाब लगाकर फल, सब्ज़ियाँ बेचने की तस्वीरें आना जारी है। लेकिन लोगों के दिमाग़ में बचपन से भर दिया जाता है कि "मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर करना"। इसलिए वो बैर करने से बचना चाहते है। लेकिन उनको नहीं पता कि वो ख़ुद किस मजहबी घृणा का शिकार हो रहे हैं। इस पोस्ट के साथ तस्वीर आशीर्वाद आटे की है। आटा गेहूं पीसकर बनता है। लेकिन यह आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है।

    यानी इसे शरीयत के मुताबिक़ बनाया गया है। आटा ही नहीं, अब लगभग हर सामान हलाल होने लगा है। यहां तक कि दवाएं और अस्पताल भी। हमारे मुस्लिम भाई यह लेबल देखकर ही कोई भी चीज ख़रीदते हैं। दुनिया भर की कंपनियाँ यह सर्टिफिकेट लेने को मजबूर हैं।

    क्योंकि ऐसा नहीं करेंगी तो मुस्लिम उनका प्रोडक्ट ख़रीदना बंद कर देंगे। इसे ही आर्थिक बहिष्कार कहा जाता है। इसी के आरोप में इन दिनों पूरे देश में हिंदुओं को जेलों में ठूँसा जा रहा है।

    फिर भी कुछ लोग कहेंगे कि क्या फ़र्क़ पड़ता है कि आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है? है तो आटा ही। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में यह सर्टिफिकेट सरकार नहीं, बल्कि जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे इस्लामी संगठन देते हैं। इसके बदले में वो कंपनियों से मोटी रक़म वसूलते हैं। कंपनियां इसका पैसा ग्राहकों से लेती हैं।

    हममें से ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं होगा कि आतंकवाद के ज्यादातर आरोपियों के मुकदमे का खर्चा जमीयत उठाती है। कमलेश तिवारी की गर्दन काटने वालों का मुकदमा भी जमीयत ही लड़ रही है। और हम उसे इसके लिए पैसा दे रहे हैं। मैकडोनल्ड्स, केएफसी ही नहीं, एअर इंडिया, IRCTC, ITDC भी हलाल मीट परोसते हैं। जिसके चलते लाखों हिंदू मांस व्यापारियों का कारोबार बंद हो चुका है। ये लोग एससी-एसटी जातियों के थे। लेकिन उनके लिए किसी ने आवाज नहीं उठाई। हलाल के नाम पर सेकुलर देश में हिंदुओं पर जजिया लगा हुआ है और हमें पता तक नहीं।

    वक्त रहते विचार कर लेना हितकारी है अन्यथा जो होना है वह तय है🙏
    क्या आप हलाल जानते हैं? --- यह सवाल मैंने एक मित्र से पूछा जो बहुत दुखी था कि कुछ दुकानदार भगवा झंडा क्यों लगा रहे हैं। वो "Ashamed as a Hindu" महसूस कर रहा था। ऐसा दुख अक्सर उन लोगों को होता है जिनको न तो अपने इतिहास का पता हो न वर्तमान का। थूक और पेशाब लगाकर फल, सब्ज़ियाँ बेचने की तस्वीरें आना जारी है। लेकिन लोगों के दिमाग़ में बचपन से भर दिया जाता है कि "मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर करना"। इसलिए वो बैर करने से बचना चाहते है। लेकिन उनको नहीं पता कि वो ख़ुद किस मजहबी घृणा का शिकार हो रहे हैं। इस पोस्ट के साथ तस्वीर आशीर्वाद आटे की है। आटा गेहूं पीसकर बनता है। लेकिन यह आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है। यानी इसे शरीयत के मुताबिक़ बनाया गया है। आटा ही नहीं, अब लगभग हर सामान हलाल होने लगा है। यहां तक कि दवाएं और अस्पताल भी। हमारे मुस्लिम भाई यह लेबल देखकर ही कोई भी चीज ख़रीदते हैं। दुनिया भर की कंपनियाँ यह सर्टिफिकेट लेने को मजबूर हैं। क्योंकि ऐसा नहीं करेंगी तो मुस्लिम उनका प्रोडक्ट ख़रीदना बंद कर देंगे। इसे ही आर्थिक बहिष्कार कहा जाता है। इसी के आरोप में इन दिनों पूरे देश में हिंदुओं को जेलों में ठूँसा जा रहा है। फिर भी कुछ लोग कहेंगे कि क्या फ़र्क़ पड़ता है कि आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है? है तो आटा ही। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में यह सर्टिफिकेट सरकार नहीं, बल्कि जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे इस्लामी संगठन देते हैं। इसके बदले में वो कंपनियों से मोटी रक़म वसूलते हैं। कंपनियां इसका पैसा ग्राहकों से लेती हैं। हममें से ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं होगा कि आतंकवाद के ज्यादातर आरोपियों के मुकदमे का खर्चा जमीयत उठाती है। कमलेश तिवारी की गर्दन काटने वालों का मुकदमा भी जमीयत ही लड़ रही है। और हम उसे इसके लिए पैसा दे रहे हैं। मैकडोनल्ड्स, केएफसी ही नहीं, एअर इंडिया, IRCTC, ITDC भी हलाल मीट परोसते हैं। जिसके चलते लाखों हिंदू मांस व्यापारियों का कारोबार बंद हो चुका है। ये लोग एससी-एसटी जातियों के थे। लेकिन उनके लिए किसी ने आवाज नहीं उठाई। हलाल के नाम पर सेकुलर देश में हिंदुओं पर जजिया लगा हुआ है और हमें पता तक नहीं। वक्त रहते विचार कर लेना हितकारी है अन्यथा जो होना है वह तय है🙏
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 855 Views 0 Προεπισκόπηση
Αναζήτηση αποτελεσμάτων