• लॉन्ग टर्म प्रॉपर्टी टैक्स कम हुआ ... !!!

    अब तक लांग टर्म में रियलएस्टेट की बिक्री पर इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत लॉन्ग टर्म गेन पर 20 प्रतिशत का टैक्स लगता था, अब इस बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन के तहत संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन को हटाया गया है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है।

    अभी तक इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत महंगाई दर को समायोजित करने के बाद प्रापर्टी की तय होती थी। मान लीजिए वर्ष 2014-15 में 100 रुपये में किसी प्रापर्टी को खरीदा गया था। वर्ष 2024-25 में कास्ट आफ इंफ्लेशन इंडेक्स (सीआइआइ) 363 है जो वित्त वर्ष 2014-15 में 240 था। इस हिसाब से इस साल 100 रुपये में खरीदी गई उस प्रापर्टी की इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपये बनती है।

    अगर 100 रुपये की उस प्रापर्टी को अभी 800 रुपये में बेचते हैं तो इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपए घटाने अन्य पर कैपिटलगेन 649 रुपए बनता है और 20 प्रतिशत की दर से उस पर 129 रुपए का लॉन्गटर्म कैपिटल गेन टैक्स बना। वहीं अगर नई प्रणाली के तहत उस प्रापर्टी की बिक्री 800 में करने पर 700 रुपये पर 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा और उस पर 87.5 रुपये का कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जो कि पुरानी व्यवस्था की टैक्स राशि से 42 रुपये कम है। इस तरह नई व्यवस्था में 32.6 प्रतिशत टैक्स की बचत हो रही है।
    लॉन्ग टर्म प्रॉपर्टी टैक्स कम हुआ ... !!! अब तक लांग टर्म में रियलएस्टेट की बिक्री पर इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत लॉन्ग टर्म गेन पर 20 प्रतिशत का टैक्स लगता था, अब इस बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन के तहत संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन को हटाया गया है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है। अभी तक इंडेक्सेशन प्रणाली के तहत महंगाई दर को समायोजित करने के बाद प्रापर्टी की तय होती थी। मान लीजिए वर्ष 2014-15 में 100 रुपये में किसी प्रापर्टी को खरीदा गया था। वर्ष 2024-25 में कास्ट आफ इंफ्लेशन इंडेक्स (सीआइआइ) 363 है जो वित्त वर्ष 2014-15 में 240 था। इस हिसाब से इस साल 100 रुपये में खरीदी गई उस प्रापर्टी की इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपये बनती है। अगर 100 रुपये की उस प्रापर्टी को अभी 800 रुपये में बेचते हैं तो इंडेक्सेशन कास्ट 151 रुपए घटाने अन्य पर कैपिटलगेन 649 रुपए बनता है और 20 प्रतिशत की दर से उस पर 129 रुपए का लॉन्गटर्म कैपिटल गेन टैक्स बना। वहीं अगर नई प्रणाली के तहत उस प्रापर्टी की बिक्री 800 में करने पर 700 रुपये पर 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा और उस पर 87.5 रुपये का कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, जो कि पुरानी व्यवस्था की टैक्स राशि से 42 रुपये कम है। इस तरह नई व्यवस्था में 32.6 प्रतिशत टैक्स की बचत हो रही है।
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  • क्या आप हलाल जानते हैं?
    ---
    यह सवाल मैंने एक मित्र से पूछा जो बहुत दुखी था कि कुछ दुकानदार भगवा झंडा क्यों लगा रहे हैं। वो "Ashamed as a Hindu" महसूस कर रहा था।

    ऐसा दुख अक्सर उन लोगों को होता है जिनको न तो अपने इतिहास का पता हो न वर्तमान का। थूक और पेशाब लगाकर फल, सब्ज़ियाँ बेचने की तस्वीरें आना जारी है। लेकिन लोगों के दिमाग़ में बचपन से भर दिया जाता है कि "मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर करना"। इसलिए वो बैर करने से बचना चाहते है। लेकिन उनको नहीं पता कि वो ख़ुद किस मजहबी घृणा का शिकार हो रहे हैं। इस पोस्ट के साथ तस्वीर आशीर्वाद आटे की है। आटा गेहूं पीसकर बनता है। लेकिन यह आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है।

    यानी इसे शरीयत के मुताबिक़ बनाया गया है। आटा ही नहीं, अब लगभग हर सामान हलाल होने लगा है। यहां तक कि दवाएं और अस्पताल भी। हमारे मुस्लिम भाई यह लेबल देखकर ही कोई भी चीज ख़रीदते हैं। दुनिया भर की कंपनियाँ यह सर्टिफिकेट लेने को मजबूर हैं।

    क्योंकि ऐसा नहीं करेंगी तो मुस्लिम उनका प्रोडक्ट ख़रीदना बंद कर देंगे। इसे ही आर्थिक बहिष्कार कहा जाता है। इसी के आरोप में इन दिनों पूरे देश में हिंदुओं को जेलों में ठूँसा जा रहा है।

    फिर भी कुछ लोग कहेंगे कि क्या फ़र्क़ पड़ता है कि आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है? है तो आटा ही। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में यह सर्टिफिकेट सरकार नहीं, बल्कि जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे इस्लामी संगठन देते हैं। इसके बदले में वो कंपनियों से मोटी रक़म वसूलते हैं। कंपनियां इसका पैसा ग्राहकों से लेती हैं।

    हममें से ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं होगा कि आतंकवाद के ज्यादातर आरोपियों के मुकदमे का खर्चा जमीयत उठाती है। कमलेश तिवारी की गर्दन काटने वालों का मुकदमा भी जमीयत ही लड़ रही है। और हम उसे इसके लिए पैसा दे रहे हैं। मैकडोनल्ड्स, केएफसी ही नहीं, एअर इंडिया, IRCTC, ITDC भी हलाल मीट परोसते हैं। जिसके चलते लाखों हिंदू मांस व्यापारियों का कारोबार बंद हो चुका है। ये लोग एससी-एसटी जातियों के थे। लेकिन उनके लिए किसी ने आवाज नहीं उठाई। हलाल के नाम पर सेकुलर देश में हिंदुओं पर जजिया लगा हुआ है और हमें पता तक नहीं।

    वक्त रहते विचार कर लेना हितकारी है अन्यथा जो होना है वह तय है🙏
    क्या आप हलाल जानते हैं? --- यह सवाल मैंने एक मित्र से पूछा जो बहुत दुखी था कि कुछ दुकानदार भगवा झंडा क्यों लगा रहे हैं। वो "Ashamed as a Hindu" महसूस कर रहा था। ऐसा दुख अक्सर उन लोगों को होता है जिनको न तो अपने इतिहास का पता हो न वर्तमान का। थूक और पेशाब लगाकर फल, सब्ज़ियाँ बेचने की तस्वीरें आना जारी है। लेकिन लोगों के दिमाग़ में बचपन से भर दिया जाता है कि "मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर करना"। इसलिए वो बैर करने से बचना चाहते है। लेकिन उनको नहीं पता कि वो ख़ुद किस मजहबी घृणा का शिकार हो रहे हैं। इस पोस्ट के साथ तस्वीर आशीर्वाद आटे की है। आटा गेहूं पीसकर बनता है। लेकिन यह आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है। यानी इसे शरीयत के मुताबिक़ बनाया गया है। आटा ही नहीं, अब लगभग हर सामान हलाल होने लगा है। यहां तक कि दवाएं और अस्पताल भी। हमारे मुस्लिम भाई यह लेबल देखकर ही कोई भी चीज ख़रीदते हैं। दुनिया भर की कंपनियाँ यह सर्टिफिकेट लेने को मजबूर हैं। क्योंकि ऐसा नहीं करेंगी तो मुस्लिम उनका प्रोडक्ट ख़रीदना बंद कर देंगे। इसे ही आर्थिक बहिष्कार कहा जाता है। इसी के आरोप में इन दिनों पूरे देश में हिंदुओं को जेलों में ठूँसा जा रहा है। फिर भी कुछ लोग कहेंगे कि क्या फ़र्क़ पड़ता है कि आटा हलाल सर्टिफ़ाइड है? है तो आटा ही। लेकिन ऐसा नहीं है। भारत में यह सर्टिफिकेट सरकार नहीं, बल्कि जमीयत उलेमा ए हिंद जैसे इस्लामी संगठन देते हैं। इसके बदले में वो कंपनियों से मोटी रक़म वसूलते हैं। कंपनियां इसका पैसा ग्राहकों से लेती हैं। हममें से ज्यादातर लोगों को पता भी नहीं होगा कि आतंकवाद के ज्यादातर आरोपियों के मुकदमे का खर्चा जमीयत उठाती है। कमलेश तिवारी की गर्दन काटने वालों का मुकदमा भी जमीयत ही लड़ रही है। और हम उसे इसके लिए पैसा दे रहे हैं। मैकडोनल्ड्स, केएफसी ही नहीं, एअर इंडिया, IRCTC, ITDC भी हलाल मीट परोसते हैं। जिसके चलते लाखों हिंदू मांस व्यापारियों का कारोबार बंद हो चुका है। ये लोग एससी-एसटी जातियों के थे। लेकिन उनके लिए किसी ने आवाज नहीं उठाई। हलाल के नाम पर सेकुलर देश में हिंदुओं पर जजिया लगा हुआ है और हमें पता तक नहीं। वक्त रहते विचार कर लेना हितकारी है अन्यथा जो होना है वह तय है🙏
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  • X, फेसबुक और व्हाट्सएप अपने प्रचंण्ड क्रांतिकारी दौर से गुजर रहा है...
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    हर नौसिखिया क्रांति करना चाहता है...
    कोई बेडरूम में लेटे-लेटे गौहत्या करने वालों को सबक सिखाने की बातें कर रहा है तो...
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    किसी के इरादे सोफे पर बैठे-बैठे मँहगाई, बेरोजगारी या बांग्लादेशियों को उखाड़ फेंकने के हो रहे हैं...
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    हफ्ते में एक दिन नहाने वाले लोग स्वच्छता अभियान की खिलाफत और समर्थन कर रहे हैं।
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    अपने बिस्तर से उठकर एक गिलास पानी लेने पर नोबेल पुरस्कार की उम्मीद रखने वाले बता रहे हैं कि माँ-बाप की सेवा कैसे करनी चाहिए।
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    जिन्होंने आजतक बचपन में कंचे तक नहीं जीते वे बता रहे हैं कि भारत रत्न किसे मिलना चाहिए!
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    जिन्हें "गली-क्रिकेट" में इसी शर्त पर खिलाया जाता था कि बॉल कोई भी मारे पर अगर नाली में गई तो निकालना तुझे ही पड़ेगा वो आज कोहली को समझाते पाए जाएँगे कि उसे कैसे खेलना है।
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    कई मर्द ऐसे हैं जिन्होंने देश में महिलाओं की कम जनसंख्या को देखते हुए अपनी नकली ID बनाकर जनसंख्या को बराबर कर दिया है।
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    जिन्हें यह तक नहीं पता कि हुमायूं, बाबर का कौन था? वह आज बता रहे हैं कि किसने कितनों को काटा था ।
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    कुछ दिन भर शायरियाँ पेलेंगे जैसे 'गालिब' के असली उस्ताद तो यहीं बैठे हैं !
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    जो नौजवान एक बालतोड़ हो जाने पर रो-रो कर पूरे मोहल्ले में हल्ला मचा देते हैं वे देश के लिए सर कटा लेने की बात करते दिखेंगे!
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    किसी भी पार्टी का समर्थक होने में समस्या यह है कि...
    "भाजपा" समर्थक को अंधभक्त...
    "आप" समर्थक उल्लू...
    तथा "कांग्रेस"समर्थक बेरोजगार... करार दे दिये जाते हैं!
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    कॉपी-पेस्ट करनेवालों के तो कहने ही क्या !
    किसी की भी पोस्ट चेंप कर ऐसे व्यवहार करेंगे जैसे साहित्य की गंगा उनके घर से ही बहती है...और वो भी 'अवश्य पढ़े' तथा 'मार्केट में नया है' की सूचना के साथ।
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    एक कप दूध पी लें तो दस्त लग जाएँ, ऐसे लोग हेल्थ की tips दिए जा रहे हैं।
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    लेकिन समाज के असली जिम्मेदार नागरिक हैं: "टैगिए"...
    इन्हें ऐसा लगता है कि जब तक ये गुड मॉर्निंग वाले पोस्ट पर टैग नहीं करेंगे तब तक लोगों को पता ही नहीं चलेगा कि सुबह हो चुकी है !
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    जिनकी वजह से शादियों में गुलाबजामुन वाले स्टॉल पर एक extra आदमी खड़ा रखना जरूरी है वो आम बजट पर टिप्पणी करते हुए पाए जाते हैं...!
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    कॉकरोच देखकर चिल्लाते हुये पूरे मोहल्ले में भागने वाले पाकिस्तान को धमका रहे होते हैं कि "अब भी वक्त है सुधर जाओ"!
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    क्या वक्त आ गया है वाकई ।
    धन्य हैं व्हाट्सएप, फेसबुक और X युग के क्रांतिकारी...!!!
    Dr GP
    X, फेसबुक और व्हाट्सएप अपने प्रचंण्ड क्रांतिकारी दौर से गुजर रहा है... . . हर नौसिखिया क्रांति करना चाहता है... कोई बेडरूम में लेटे-लेटे गौहत्या करने वालों को सबक सिखाने की बातें कर रहा है तो... . . किसी के इरादे सोफे पर बैठे-बैठे मँहगाई, बेरोजगारी या बांग्लादेशियों को उखाड़ फेंकने के हो रहे हैं... . हफ्ते में एक दिन नहाने वाले लोग स्वच्छता अभियान की खिलाफत और समर्थन कर रहे हैं। . . अपने बिस्तर से उठकर एक गिलास पानी लेने पर नोबेल पुरस्कार की उम्मीद रखने वाले बता रहे हैं कि माँ-बाप की सेवा कैसे करनी चाहिए। . . जिन्होंने आजतक बचपन में कंचे तक नहीं जीते वे बता रहे हैं कि भारत रत्न किसे मिलना चाहिए! . . जिन्हें "गली-क्रिकेट" में इसी शर्त पर खिलाया जाता था कि बॉल कोई भी मारे पर अगर नाली में गई तो निकालना तुझे ही पड़ेगा वो आज कोहली को समझाते पाए जाएँगे कि उसे कैसे खेलना है। . . कई मर्द ऐसे हैं जिन्होंने देश में महिलाओं की कम जनसंख्या को देखते हुए अपनी नकली ID बनाकर जनसंख्या को बराबर कर दिया है। . . जिन्हें यह तक नहीं पता कि हुमायूं, बाबर का कौन था? वह आज बता रहे हैं कि किसने कितनों को काटा था । . . कुछ दिन भर शायरियाँ पेलेंगे जैसे 'गालिब' के असली उस्ताद तो यहीं बैठे हैं ! . . जो नौजवान एक बालतोड़ हो जाने पर रो-रो कर पूरे मोहल्ले में हल्ला मचा देते हैं वे देश के लिए सर कटा लेने की बात करते दिखेंगे! . . किसी भी पार्टी का समर्थक होने में समस्या यह है कि... "भाजपा" समर्थक को अंधभक्त... "आप" समर्थक उल्लू... तथा "कांग्रेस"समर्थक बेरोजगार... करार दे दिये जाते हैं! . . कॉपी-पेस्ट करनेवालों के तो कहने ही क्या ! किसी की भी पोस्ट चेंप कर ऐसे व्यवहार करेंगे जैसे साहित्य की गंगा उनके घर से ही बहती है...और वो भी 'अवश्य पढ़े' तथा 'मार्केट में नया है' की सूचना के साथ। . . एक कप दूध पी लें तो दस्त लग जाएँ, ऐसे लोग हेल्थ की tips दिए जा रहे हैं। . . लेकिन समाज के असली जिम्मेदार नागरिक हैं: "टैगिए"... इन्हें ऐसा लगता है कि जब तक ये गुड मॉर्निंग वाले पोस्ट पर टैग नहीं करेंगे तब तक लोगों को पता ही नहीं चलेगा कि सुबह हो चुकी है ! . . जिनकी वजह से शादियों में गुलाबजामुन वाले स्टॉल पर एक extra आदमी खड़ा रखना जरूरी है वो आम बजट पर टिप्पणी करते हुए पाए जाते हैं...! . . कॉकरोच देखकर चिल्लाते हुये पूरे मोहल्ले में भागने वाले पाकिस्तान को धमका रहे होते हैं कि "अब भी वक्त है सुधर जाओ"! . . क्या वक्त आ गया है वाकई । धन्य हैं व्हाट्सएप, फेसबुक और X युग के क्रांतिकारी...!!! Dr GP
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  • "1955 में जब धीरूभाई अंबानी से मेरी शादी हुई थी तब मैंने ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि मेरा जीवन इतना बदल जाएगा। शादी के बाद ही मैंने पहली बार मुंबई देखा था। जब मैं यमन के अदन शहर जा रही थी तब पहली बार मैं स्टीमर में बैठी थी। और मेरे लिए वो बहुत हैरान करने वाला तजुर्बा था। अदन में ज़िंदगी जामनगर के मुकाबले बहुत अलग थी। अदन मेरे लिए टर्निंग पॉइन्ट साबित हुआ था। मुकेश का जन्म वहीं हुआ था। अनिल, दीप्ति और नीना का जन्म मुंबई में हुआ था। अब तो सबकी शादी हो चुकी है। आज बहुओं, दामादों और बच्चों को मिलाकर हमारा 19 लोगों का परिवार हो गया है।"

    24 फरवरी 1934 को कोकिलाबेन का जन्म जामनगर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था, जो उस वक्त नवानगर कहलाता था। एक आम भारतीय लड़की की तरह ही कोकिलाबेन की परवरिश हुई थी। उनकी माता ने उन्हें घर के सभी काम करने सिखाए थे। साथ ही सिलाई व कढ़ाई भी उन्होंने सीखी थी। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की थी। साल 1955 में कोकिलाबेन और धीरूभाई अंबानी की शादी हुई थी। शादी के बाद वो अपनी ससुराल चोरवाड आ गई। उस ज़माने में धीरूभाई के घर एक बैलगाड़ी हुआ करती थी। शादी के कुछ महीनों बाद धीरूभाई काम करने अदन चले गए।

    एक दफा अदन से धीरूभाई ने कोकिलाबेन को एक चिट्ठी लिखी। उस चिट्ठी में धीरूभाई ने लिखा,"कोकिला, मैंने यहां एक कार खरीद ली है। जब तुम अदन आओगी तो मैं तुम्हें इसी कार से लेने आऊंगा। जानती हो कार का रंग क्या है? काली। बिल्कुल मेरी तरह।" धीरूभाई की वो चिट्ठी पढ़कर उस दिन कोकिलाबेन बहुत हंसी थी। और जब कुछ दिन बाद वो अदन पहुंची तो पोर्ट पर उन्हें रिसीव करने धीरूभाई अपनी उसी काली कार में आए थे। कोकिला जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चोरवाड में हमारे पास बैलगाड़ी थी। अदन में हमारे पास कार आई। और मुंबई में तो हवाई जहाज और हैलीकॉप्टर भी आ गया।

    1958 में धीरूभाई अंबानी और कोकिलाबेन अदन से वापस भारत लौट आए। धीरूभाई ने मुंबई को अपना ठिकाना बनाया। हर गुज़रते दिन के साथ वो तरक्की करते चले गए। उन्होंने रिलायंस की स्थापना की। कदम दर कदम वो कामयाबी की ऊंचाईयां छूते चले गए। और अपनी पत्नी कोकिलाबेन को उन्होंने हमेशा अपने साथ रखा। हर फैसला वो कोकिलाबेन से सलाह-मशविरा करके लेते थे। हर नए प्लांट का इनोग्रेशन कोकिला जी से कराते थे। धीरूभाई हर प्रोग्राम व पार्टी में कोकिलाबेन को साथ लेकर जाते थे। कभी कोकिलाबेन मना करती थी तो साथ चलने की गुज़ारिश करते थे।

    चूंकि कोकिलाबेन 10वीं तक पढ़ी थी, वो भी गुजराती माध्यम से, इसलिए धीरूभाई चाहते थे कि वो और पढ़ें। धीरूभाई ने अपने बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए एक ट्यूटर रखा था। एक दिन धीरूभाई ने कोकिलाबेन से कहा कि तुम्हें भी अंग्रेजी सीखनी चाहिए। तुम भी इसी ट्यूटर से क्यों नहीं सीख लेती इंग्लिश? तभी से कोकिलाबेन ने भी अंग्रेजी पर मेहनत शुरू क दी। और कुछ सालों में उनकी भी अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ हो गई।

    एक इंटरव्यू में कोकिलाबेन ने बताया था,"धीरूभाई उन्हें अपने साथ फाइवस्टार होटल्स में ले जाते थे। और वहां पर तरह-तरह का खाना खिलाते थे जैसे इटैलियन, मैक्सिकन, चायनीज़, जैपनीज़ व अन्य। इसलिए ताकि जब मैं उनके साथ किसी पार्टी या विदेश में जाऊं तो मुझे खाने के लिए परेशान ना होना पड़े। वो जब भी मुझे विदेश घुमाने ले जाते थे तो मुझे हर जगह के बारे में अच्छे से जानकारी देते थे। दुनिया के बारे में उनकी नॉलेज बहुत अच्छी थी।"

    Bottomline, you don't progress by living in a well like what's happening in KA, you have to explore new things and learn new things. Language is just a bridge to communicate your mind to others. Never force ur language on others who don't know
    "1955 में जब धीरूभाई अंबानी से मेरी शादी हुई थी तब मैंने ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि मेरा जीवन इतना बदल जाएगा। शादी के बाद ही मैंने पहली बार मुंबई देखा था। जब मैं यमन के अदन शहर जा रही थी तब पहली बार मैं स्टीमर में बैठी थी। और मेरे लिए वो बहुत हैरान करने वाला तजुर्बा था। अदन में ज़िंदगी जामनगर के मुकाबले बहुत अलग थी। अदन मेरे लिए टर्निंग पॉइन्ट साबित हुआ था। मुकेश का जन्म वहीं हुआ था। अनिल, दीप्ति और नीना का जन्म मुंबई में हुआ था। अब तो सबकी शादी हो चुकी है। आज बहुओं, दामादों और बच्चों को मिलाकर हमारा 19 लोगों का परिवार हो गया है।" 24 फरवरी 1934 को कोकिलाबेन का जन्म जामनगर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था, जो उस वक्त नवानगर कहलाता था। एक आम भारतीय लड़की की तरह ही कोकिलाबेन की परवरिश हुई थी। उनकी माता ने उन्हें घर के सभी काम करने सिखाए थे। साथ ही सिलाई व कढ़ाई भी उन्होंने सीखी थी। उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की थी। साल 1955 में कोकिलाबेन और धीरूभाई अंबानी की शादी हुई थी। शादी के बाद वो अपनी ससुराल चोरवाड आ गई। उस ज़माने में धीरूभाई के घर एक बैलगाड़ी हुआ करती थी। शादी के कुछ महीनों बाद धीरूभाई काम करने अदन चले गए। एक दफा अदन से धीरूभाई ने कोकिलाबेन को एक चिट्ठी लिखी। उस चिट्ठी में धीरूभाई ने लिखा,"कोकिला, मैंने यहां एक कार खरीद ली है। जब तुम अदन आओगी तो मैं तुम्हें इसी कार से लेने आऊंगा। जानती हो कार का रंग क्या है? काली। बिल्कुल मेरी तरह।" धीरूभाई की वो चिट्ठी पढ़कर उस दिन कोकिलाबेन बहुत हंसी थी। और जब कुछ दिन बाद वो अदन पहुंची तो पोर्ट पर उन्हें रिसीव करने धीरूभाई अपनी उसी काली कार में आए थे। कोकिला जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चोरवाड में हमारे पास बैलगाड़ी थी। अदन में हमारे पास कार आई। और मुंबई में तो हवाई जहाज और हैलीकॉप्टर भी आ गया। 1958 में धीरूभाई अंबानी और कोकिलाबेन अदन से वापस भारत लौट आए। धीरूभाई ने मुंबई को अपना ठिकाना बनाया। हर गुज़रते दिन के साथ वो तरक्की करते चले गए। उन्होंने रिलायंस की स्थापना की। कदम दर कदम वो कामयाबी की ऊंचाईयां छूते चले गए। और अपनी पत्नी कोकिलाबेन को उन्होंने हमेशा अपने साथ रखा। हर फैसला वो कोकिलाबेन से सलाह-मशविरा करके लेते थे। हर नए प्लांट का इनोग्रेशन कोकिला जी से कराते थे। धीरूभाई हर प्रोग्राम व पार्टी में कोकिलाबेन को साथ लेकर जाते थे। कभी कोकिलाबेन मना करती थी तो साथ चलने की गुज़ारिश करते थे। चूंकि कोकिलाबेन 10वीं तक पढ़ी थी, वो भी गुजराती माध्यम से, इसलिए धीरूभाई चाहते थे कि वो और पढ़ें। धीरूभाई ने अपने बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए एक ट्यूटर रखा था। एक दिन धीरूभाई ने कोकिलाबेन से कहा कि तुम्हें भी अंग्रेजी सीखनी चाहिए। तुम भी इसी ट्यूटर से क्यों नहीं सीख लेती इंग्लिश? तभी से कोकिलाबेन ने भी अंग्रेजी पर मेहनत शुरू क दी। और कुछ सालों में उनकी भी अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ हो गई। एक इंटरव्यू में कोकिलाबेन ने बताया था,"धीरूभाई उन्हें अपने साथ फाइवस्टार होटल्स में ले जाते थे। और वहां पर तरह-तरह का खाना खिलाते थे जैसे इटैलियन, मैक्सिकन, चायनीज़, जैपनीज़ व अन्य। इसलिए ताकि जब मैं उनके साथ किसी पार्टी या विदेश में जाऊं तो मुझे खाने के लिए परेशान ना होना पड़े। वो जब भी मुझे विदेश घुमाने ले जाते थे तो मुझे हर जगह के बारे में अच्छे से जानकारी देते थे। दुनिया के बारे में उनकी नॉलेज बहुत अच्छी थी।" Bottomline, you don't progress by living in a well like what's happening in KA, you have to explore new things and learn new things. Language is just a bridge to communicate your mind to others. Never force ur language on others who don't know
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  • मैं चाहता हूँ देश के हर राज्य की सरकार और मंत्री इस तरह Aggressive stance रखे.

    कर्नाटक में Local लोगों के लिए Private Jobs में Reservation का कानून बनाया जा रहा था.. जिसके बाद बड़ा हल्ला मचा और NASSCOM ने भी इस पर आपत्ति जताई... और साथ ही कहा कि ऐसा होने से कंपनियों को दूसरे राज्यों में पलायन के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

    आंध्र प्रदेश के मंत्री और CM नायडू के बेटे नरा लोकेश ने इस अवसर का लाभ उठा कर बताया कि वह क्या क्या सुविधायें देंगे, अगर कंपनिया उनके प्रदेश में आएं.

    यह कोई छोटी मोटी बात नहीं है.... आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से आपके राजनीतिक अलगाव हो सकते हैं... लेकिन यह बात मानने में कोई शक नहीं कि हैदराबाद को IT hub, Manufacturing hub बनाने में उनका बहुत बड़ा हाथ रहा है.

    जिस ज़माने में उत्तर भारत के मुख्यमंत्री जाति पाती के झगड़ो में और फ़टे टूटे infra से जूझ रहे थे.. उस ज़माने में नायडू अमेरिका जा कर Bill Gates और अन्य IT Leaders से मिला करते थे.... उस ज़माने में नायडू ही थे जो विदेशी दौरे पर सरकारी अफसरों के बजाये Professionals को ले कर जाते थे... और वहाँ की सरकारों और Corporates के साथ उनकी meetings हुआ करती थी.

    खैर बाद में आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ, तेलंगाना बना और हैदराबाद वहाँ की राजधानी बन गया..... आंध्र प्रदेश अब फिर से शुरआत कर रहा है... अमरावती को बसाना है.. वहीं उनके पास विशाखापत्तनम जैसा शहर भी है.. जहाँ असीमित सम्भावनाएं हैं.

    नायडू को फिर से 25-30 साल पहले जैसा काम करना पड़ेगा... और Corporates के लिए Red Carpet बिछाना पड़ेगा.... यह कदम आगे चल कर लाखों लोगों के लिये नौकरी और आजीविका का इंतजाम करेंगे.

    वहीं ऐसे Agrressive Stance रखने से कोई भी राज्य Private Sector में Reservation जैसा बेवकूफाना कदम नहीं उठा पायेगा.

    पिछले दिनों यही approach उत्तर प्रदेश में भी दिखी थी... जब पंजाब से आये कारोबारीयों से योगी आदित्यनाथ जी बार बार मिले.. उन्हें बेहतर सुविधाएं और Tax Benefit दिए.. जिसके बाद सैंकड़ो कम्पनिया पंजाब से उत्तरप्रदेश shift हो चुकी हैं.

    उससे पहले गुजरात ऐसे ही कई project महाराष्ट्र से ले चुका है.

    देश को आगे बढ़ाना है.. करोड़ों लोगों को रोजगार देना है... तो ऐसी ही Aggressive Strategy सबको अपनानी पड़ेगी.
    Dr GP
    मैं चाहता हूँ देश के हर राज्य की सरकार और मंत्री इस तरह Aggressive stance रखे. कर्नाटक में Local लोगों के लिए Private Jobs में Reservation का कानून बनाया जा रहा था.. जिसके बाद बड़ा हल्ला मचा और NASSCOM ने भी इस पर आपत्ति जताई... और साथ ही कहा कि ऐसा होने से कंपनियों को दूसरे राज्यों में पलायन के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. आंध्र प्रदेश के मंत्री और CM नायडू के बेटे नरा लोकेश ने इस अवसर का लाभ उठा कर बताया कि वह क्या क्या सुविधायें देंगे, अगर कंपनिया उनके प्रदेश में आएं. यह कोई छोटी मोटी बात नहीं है.... आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से आपके राजनीतिक अलगाव हो सकते हैं... लेकिन यह बात मानने में कोई शक नहीं कि हैदराबाद को IT hub, Manufacturing hub बनाने में उनका बहुत बड़ा हाथ रहा है. जिस ज़माने में उत्तर भारत के मुख्यमंत्री जाति पाती के झगड़ो में और फ़टे टूटे infra से जूझ रहे थे.. उस ज़माने में नायडू अमेरिका जा कर Bill Gates और अन्य IT Leaders से मिला करते थे.... उस ज़माने में नायडू ही थे जो विदेशी दौरे पर सरकारी अफसरों के बजाये Professionals को ले कर जाते थे... और वहाँ की सरकारों और Corporates के साथ उनकी meetings हुआ करती थी. खैर बाद में आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ, तेलंगाना बना और हैदराबाद वहाँ की राजधानी बन गया..... आंध्र प्रदेश अब फिर से शुरआत कर रहा है... अमरावती को बसाना है.. वहीं उनके पास विशाखापत्तनम जैसा शहर भी है.. जहाँ असीमित सम्भावनाएं हैं. नायडू को फिर से 25-30 साल पहले जैसा काम करना पड़ेगा... और Corporates के लिए Red Carpet बिछाना पड़ेगा.... यह कदम आगे चल कर लाखों लोगों के लिये नौकरी और आजीविका का इंतजाम करेंगे. वहीं ऐसे Agrressive Stance रखने से कोई भी राज्य Private Sector में Reservation जैसा बेवकूफाना कदम नहीं उठा पायेगा. पिछले दिनों यही approach उत्तर प्रदेश में भी दिखी थी... जब पंजाब से आये कारोबारीयों से योगी आदित्यनाथ जी बार बार मिले.. उन्हें बेहतर सुविधाएं और Tax Benefit दिए.. जिसके बाद सैंकड़ो कम्पनिया पंजाब से उत्तरप्रदेश shift हो चुकी हैं. उससे पहले गुजरात ऐसे ही कई project महाराष्ट्र से ले चुका है. देश को आगे बढ़ाना है.. करोड़ों लोगों को रोजगार देना है... तो ऐसी ही Aggressive Strategy सबको अपनानी पड़ेगी. Dr GP
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  • हँसना तो पड़ेगा
    😜

    बॉस ने एक चुलबुली निहायती खूबसूरत सेकेट्री को काम पर रखा......😍😍

    लेकिन 10 दिन बाद ही उसके बॉस ने 27वें माले से कूदकर आत्महत्या कर ली....

    इंस्पेक्टर👮:-
    कमरे में उस वक़्त कौन कौन मौजूद था..???
    सेकेट्री👸:-जी.......सिर्फ में थी

    इंस्पेक्टर👮:-आखिर क्या हुआ.....??? उसने खुदकुशी क्यों की..???

    सेकेट्री👸:-सर..वो बहुत ही अच्छे इंसान थे एक दिन उन्होंने मुझे 2लाख रु का ड्रेस उपहार में दिया....!!!!

    फिर एक दिन उन्होंने मुझे 15लाख की कीमत वाला हीरो का हार खरीद कर दिया.........!!!!!

    अभी.....
    परसों ही वो मेरे लिए 5लाख की हीरे की अंगूठी लेकर आये थे..... ये देखिये मेरी ऊँगली में अभी भी है...........सर...

    इंस्पेक्टर👮:-फिर .....??????

    सेकेट्री👸:-आज ही उन्होंने मुझे शादी के लिए प्रपोज़ किया था......

    इंस्पेक्टर👮:-ह्म्म्म....तो....???

    सेकेट्री👸:-तभी उसी वक़्त मेरे पापा का मुझे फोन आ गया........

    मेने अपने पापा से अपने बॉस की तारीफ़ करते हुए कहा.... पापा आप अगर यहां होते तो देखते कि मेरे बॉस मुझे कितना प्यार करते है.... और आप हो कि, मुझे हमेशा यही कहते रहते हो ,, कि.......

    पप्पू बेटा!, लड़की बनकर मत घूमा कर.....

    बस......बॉस ने यह सुना और सीधे छलांग मार दी..........


    😜😜😜

    शिक्षा:-
    Market में पैसा लगाने से पहले Product की पूरी जानकारी ले लें..
    हँसना तो पड़ेगा 😜 बॉस ने एक चुलबुली निहायती खूबसूरत सेकेट्री को काम पर रखा......😍😍 लेकिन 10 दिन बाद ही उसके बॉस ने 27वें माले से कूदकर आत्महत्या कर ली.... इंस्पेक्टर👮:- कमरे में उस वक़्त कौन कौन मौजूद था..??? सेकेट्री👸:-जी.......सिर्फ में थी इंस्पेक्टर👮:-आखिर क्या हुआ.....??? उसने खुदकुशी क्यों की..??? सेकेट्री👸:-सर..वो बहुत ही अच्छे इंसान थे एक दिन उन्होंने मुझे 2लाख रु का ड्रेस उपहार में दिया....!!!! फिर एक दिन उन्होंने मुझे 15लाख की कीमत वाला हीरो का हार खरीद कर दिया.........!!!!! अभी..... परसों ही वो मेरे लिए 5लाख की हीरे की अंगूठी लेकर आये थे..... ये देखिये मेरी ऊँगली में अभी भी है...........सर... इंस्पेक्टर👮:-फिर .....?????? सेकेट्री👸:-आज ही उन्होंने मुझे शादी के लिए प्रपोज़ किया था...... इंस्पेक्टर👮:-ह्म्म्म....तो....??? सेकेट्री👸:-तभी उसी वक़्त मेरे पापा का मुझे फोन आ गया........ मेने अपने पापा से अपने बॉस की तारीफ़ करते हुए कहा.... पापा आप अगर यहां होते तो देखते कि मेरे बॉस मुझे कितना प्यार करते है.... और आप हो कि, मुझे हमेशा यही कहते रहते हो ,, कि....... पप्पू बेटा!, लड़की बनकर मत घूमा कर..... बस......बॉस ने यह सुना और सीधे छलांग मार दी.......... 😜😜😜 शिक्षा:- Market में पैसा लगाने से पहले Product की पूरी जानकारी ले लें..
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  • जब महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं को पीट-पीट कर जब मार डाला गया था, तब बाळासाहेब का पप्पू उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे...

    उस समय कांग्रेसाचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पाखंडी जी महाराज चुप था... मृत साधुओं के लिए उस व्यक्त इस ढोंगी ने संवेदना तक व्यक्त नहीं की थी...

    अब अविमुक्तेश्वरानंद जी कह रहे हैं कि जब तक उद्धव ठाकरे फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, उनकी पीड़ा शांत नहीं होगी...

    आखिर ये कैसी पीड़ा है जो दो साधू-संतों की निर्मम हत्या पर नहीं होती है??

    लेकिन उद्धव ठाकरे की CM की गद्दी छिनते ही भयानक पीड़ा होने लगती है और तब तक शांत न होने का संकल्प लेती है जब तक उद्धव ठाकरे फिर से CM न बन जाएं...
    जब महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं को पीट-पीट कर जब मार डाला गया था, तब बाळासाहेब का पप्पू उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे... उस समय कांग्रेसाचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पाखंडी जी महाराज चुप था... मृत साधुओं के लिए उस व्यक्त इस ढोंगी ने संवेदना तक व्यक्त नहीं की थी... अब अविमुक्तेश्वरानंद जी कह रहे हैं कि जब तक उद्धव ठाकरे फिर से मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, उनकी पीड़ा शांत नहीं होगी... आखिर ये कैसी पीड़ा है जो दो साधू-संतों की निर्मम हत्या पर नहीं होती है?? लेकिन उद्धव ठाकरे की CM की गद्दी छिनते ही भयानक पीड़ा होने लगती है और तब तक शांत न होने का संकल्प लेती है जब तक उद्धव ठाकरे फिर से CM न बन जाएं...
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  • कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी का संयुक्त दल्ला है चर्बी गोला स्वरूपानंद का शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद, एक नंबर का मक्कार और झूंठा। पहले 2019 में मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा था, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विरोध किया, योगी जी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाए, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का विरोध किया और अनेक अनर्गल बातें कहीं, फिर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के साथ जो हुआ उसे हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पाप बता डाला और अब केदारनाथ मंदिर में 228 किलो सोना चोरी होने का झूंठ फैला रहा है ढोंगी मक्कार !!!
    Dr GP
    कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी का संयुक्त दल्ला है चर्बी गोला स्वरूपानंद का शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद, एक नंबर का मक्कार और झूंठा। पहले 2019 में मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा था, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विरोध किया, योगी जी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाए, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का विरोध किया और अनेक अनर्गल बातें कहीं, फिर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के साथ जो हुआ उसे हिंदू धर्म का सबसे बड़ा पाप बता डाला और अब केदारनाथ मंदिर में 228 किलो सोना चोरी होने का झूंठ फैला रहा है ढोंगी मक्कार !!! Dr GP
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  • भारत-रूस शिखर सम्मेलन से संयुक्त बयान के मुख्य बिंदु:

    🔥 रूस ने पुनर्गठित और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
    🔥 संयुक्त राष्ट्र एजेंडे के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मास्को और नई दिल्ली के समन्वय के लिए सुरक्षा परिषद में भारत की उपस्थिति एक अवसर प्रदान करती है।
    🔥 रूस और भारत समान और अविभाज्य क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना के निर्माण के प्रयासों को बढ़ावा देंगे।
    🔥 पुतिन और मोदी को विश्वास है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई व्यापक और प्रभावी होगी।
    🔥 पुतिन और मोदी ने सुरक्षा संवाद के महत्व को दोहराया।
    🔥 जटिल और अनिश्चित भू-राजनीतिक स्थिति में रूस-भारत संबंध स्थायी बने रहेंगे।
    🔥 रूस और भारत संयुक्त सैन्य सहयोग गतिविधियों की संख्या बढ़ाएंगे और सैन्य-से-सैन्य आदान-प्रदान का विस्तार करेंगे।
    🔥 रूस और भारत ऊर्जा, विशेषकर परमाणु और तेल परिशोधन क्षेत्रों में सहयोग के विकास को प्राथमिकता देंगे।

    🔸️ रूस और भारत ने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए मध्यस्थता के प्रस्तावों पर ध्यान दिया।
    🔸️ रूस और भारत G20, BRICS, SCO के भीतर प्रमुख मुद्दों पर बातचीत जारी रखेंगे।
    🔸️ रूस और भारत राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग के माध्यम से निपटान प्रणाली का विकास करेंगे।
    🔸️ रूस और भारत द्विपक्षीय व्यापार में गैर-शुल्क व्यापार बाधाओं को समाप्त करने की कोशिश करेंगे।
    🔸️ पुतिन और मोदी जी ने शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, पर्यटन, खेल में रूस और भारत के बीच बातचीत का विस्तार करने पर सहमति जताई।

    🔥 मोदी जी ने अगले वर्ष पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया।

    प्रधानमंत्री .@narendramodi जी ने सफल रूसी दौरे के बाद वियना, ऑस्ट्रिया के लिए प्रस्थान किया है।
    भारत-रूस शिखर सम्मेलन से संयुक्त बयान के मुख्य बिंदु: 🔥 रूस ने पुनर्गठित और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का समर्थन किया। 🔥 संयुक्त राष्ट्र एजेंडे के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मास्को और नई दिल्ली के समन्वय के लिए सुरक्षा परिषद में भारत की उपस्थिति एक अवसर प्रदान करती है। 🔥 रूस और भारत समान और अविभाज्य क्षेत्रीय सुरक्षा संरचना के निर्माण के प्रयासों को बढ़ावा देंगे। 🔥 पुतिन और मोदी को विश्वास है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई व्यापक और प्रभावी होगी। 🔥 पुतिन और मोदी ने सुरक्षा संवाद के महत्व को दोहराया। 🔥 जटिल और अनिश्चित भू-राजनीतिक स्थिति में रूस-भारत संबंध स्थायी बने रहेंगे। 🔥 रूस और भारत संयुक्त सैन्य सहयोग गतिविधियों की संख्या बढ़ाएंगे और सैन्य-से-सैन्य आदान-प्रदान का विस्तार करेंगे। 🔥 रूस और भारत ऊर्जा, विशेषकर परमाणु और तेल परिशोधन क्षेत्रों में सहयोग के विकास को प्राथमिकता देंगे। 🔸️ रूस और भारत ने यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए मध्यस्थता के प्रस्तावों पर ध्यान दिया। 🔸️ रूस और भारत G20, BRICS, SCO के भीतर प्रमुख मुद्दों पर बातचीत जारी रखेंगे। 🔸️ रूस और भारत राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग के माध्यम से निपटान प्रणाली का विकास करेंगे। 🔸️ रूस और भारत द्विपक्षीय व्यापार में गैर-शुल्क व्यापार बाधाओं को समाप्त करने की कोशिश करेंगे। 🔸️ पुतिन और मोदी जी ने शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, पर्यटन, खेल में रूस और भारत के बीच बातचीत का विस्तार करने पर सहमति जताई। 🔥 मोदी जी ने अगले वर्ष पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री .@narendramodi जी ने सफल रूसी दौरे के बाद वियना, ऑस्ट्रिया के लिए प्रस्थान किया है।
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  • भारत-रूस शिखर सम्मेलन: मोदी और पुतिन के बीच सहयोग को नई दिशा

    हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी है। यह बैठक मॉस्को में आयोजित 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

    सैन्य और तकनीकी सहयोग:
    दोनों नेताओं ने सैन्य और तकनीकी सहयोग पर हुई चर्चाओं की सराहना की और नियमित 2+2 वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया और वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीतिक-सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

    कोविड-19 महामारी के दौरान सहयोग:
    कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता के लिए धन्यवाद दिया। विशेष रूप से "स्पुतनिक-V" वैक्सीन के संदर्भ में दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की सराहना की। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमति व्यक्त की।

    आर्थिक सहयोग:
    दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार में 38% की वृद्धि का स्वागत किया और 2025 तक व्यापार का लक्ष्य 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर रखने पर जोर दिया। इसके साथ ही, भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और रूसी कंपनी PhosAgro के बीच उर्वरकों की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। फॉस्फेट, कोयला और स्टील क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की भी सराहना की गई।

    नवीन क्षेत्र:
    दोनों पक्षों ने चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की सराहना की और अन्य नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

    अंतर्राष्ट्रीय मंच:
    दोनों नेताओं ने BRICS, SCO, G20, और UN जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की। यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।

    इस शिखर सम्मेलन ने भारत और रूस के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी को और मजबूती दी है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर बनी हुई है। इस बैठक के परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने और नई दिशा देने का संकल्प लिया है।

    स्रोत:
    - [MEA.gov.in](https://www.mea.gov.in)
    - [Hindustan Times](https://www.hindustantimes.com)
    - [ABP Live](https://www.abplive.com)
    भारत-रूस शिखर सम्मेलन: मोदी और पुतिन के बीच सहयोग को नई दिशा हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक ने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी है। यह बैठक मॉस्को में आयोजित 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। सैन्य और तकनीकी सहयोग: दोनों नेताओं ने सैन्य और तकनीकी सहयोग पर हुई चर्चाओं की सराहना की और नियमित 2+2 वार्ता की आवश्यकता पर जोर दिया। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया और वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीतिक-सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। कोविड-19 महामारी के दौरान सहयोग: कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता के लिए धन्यवाद दिया। विशेष रूप से "स्पुतनिक-V" वैक्सीन के संदर्भ में दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की सराहना की। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमति व्यक्त की। आर्थिक सहयोग: दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार में 38% की वृद्धि का स्वागत किया और 2025 तक व्यापार का लक्ष्य 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर रखने पर जोर दिया। इसके साथ ही, भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और रूसी कंपनी PhosAgro के बीच उर्वरकों की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। फॉस्फेट, कोयला और स्टील क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की भी सराहना की गई। नवीन क्षेत्र: दोनों पक्षों ने चिकित्सा उपकरणों और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग की सराहना की और अन्य नए क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। अंतर्राष्ट्रीय मंच: दोनों नेताओं ने BRICS, SCO, G20, और UN जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग पर भी चर्चा की। यह शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। इस शिखर सम्मेलन ने भारत और रूस के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी को और मजबूती दी है, जो वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर बनी हुई है। इस बैठक के परिणामस्वरूप, दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोग को बढ़ाने और नई दिशा देने का संकल्प लिया है। स्रोत: - [MEA.gov.in](https://www.mea.gov.in) - [Hindustan Times](https://www.hindustantimes.com) - [ABP Live](https://www.abplive.com)
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  • व्लादिमीर पुतिन ने नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री के रूप में रिकॉर्ड की सराहना की, जो रूसी राष्ट्रपति के नोवो-ओगार्यावो निवास पर अनौपचारिक बैठक के दौरान हुई।
    भारत में हर साल 2.3 करोड़ जन्म होते हैं, जिसका मतलब है कि लोग खुश हैं, अपने परिवार को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं और भविष्य के बारे में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं..👍

    यह बिलकुल इसके विपरीत है जो इस शैतान (बिल गेट्स) की जनसंख्या घटाने की प्रोपेगेंडा है..
    Dr GP
    व्लादिमीर पुतिन ने नरेंद्र मोदी के भारत के प्रधानमंत्री के रूप में रिकॉर्ड की सराहना की, जो रूसी राष्ट्रपति के नोवो-ओगार्यावो निवास पर अनौपचारिक बैठक के दौरान हुई। भारत में हर साल 2.3 करोड़ जन्म होते हैं, जिसका मतलब है कि लोग खुश हैं, अपने परिवार को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं और भविष्य के बारे में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं..👍 यह बिलकुल इसके विपरीत है जो इस शैतान (बिल गेट्स) की जनसंख्या घटाने की प्रोपेगेंडा है.. Dr GP
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  • फ्रांस के लिए शांति की प्रार्थना। यूके और फ्रांस खो चुके हैं। मैक्रोन ने चुनाव चुरा लिया है और फ्रांसीसी अवैध प्रवासियों से भरने के लिए अभिशप्त हैं।

    याद रखें कि हमारे पास UNDENIABLE PROOF है कि जॉर्ज सोरोस ने इन निर्वाचित अधिकारियों को अमेरिका और यूरोप को अवैध प्रवासियों से भरने के लिए रिश्वत दी है।

    हंगरी के प्रधानमंत्री ने उस दस्तावेज़ का खुलासा किया है जिससे साबित होता है कि जॉर्ज सोरोस वैश्विक अवैध प्रवासियों की बाढ़ के पीछे हैं।

    2015 में, जॉर्ज सोरोस ने अपनी योजना प्रकाशित की थी, जिसे अब दुनिया भर में लागू किया जा रहा है ताकि लाखों अवैध प्रवासियों को संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में लाया जा सके। जैसा कि हंगरी के नेता विक्टर ओरबान ने हाल ही में बताया:

    विक्टर ओरबान: “मुझे याद है कि श्री जॉर्ज सोरोस ने प्रोजेक्ट सिंडिकेट प्रकाशन में अपनी योजना प्रकाशित की थी:

    पहले, यह बहुत स्पष्ट है। 2015 में, यूरोपीय संघ को कम से कम एक मिलियन शरणार्थियों को वार्षिक रूप से स्वीकार करना होगा

    दूसरा, उन्होंने कहा, पर्याप्त वित्तपोषण महत्वपूर्ण है, और उन्होंने प्रवास संकट और प्रवासियों की सामाजिक और कल्याण देखभाल के लिए लंबे समय तक यूरो बांड जारी करने का प्रस्ताव दिया जब वे यूरोपीय संघ में आते हैं।

    “मुझे याद है कि श्री जॉर्ज सोरोस ने प्रोजेक्ट सिंडिकेट प्रकाशन में 2015, 26 सितंबर को अंग्रेजी में अपनी योजना प्रकाशित की थी। और उन्होंने एक योजना प्रकाशित की। उन्होंने कहा कि मैं उद्धरण कर रहा हूँ, यहाँ मेरी व्यापक योजना के 6 घटक हैं।

    — उन्होंने कहा कि, उद्धरण करते हुए, शरणार्थियों के लिए सुरक्षित चैनल स्थापित किए जाने चाहिए, जो उन्हें ग्रीस और इटली से उनके गंतव्य देशों में ले जाने से शुरू होते हैं, जिसका मतलब है कि उन्हें ग्रीस से हंगरी लाया जाए और फिर उन्हें ओसीएन तक ले जाया जाए।

    — इसे लिखा गया था। इसे प्रकाशित किया गया था। यह ज्ञात है। इसलिए हम एक संगठित गिरोह से लड़ रहे हैं जिसे जॉर्ज चर्च और एनजीओ के साम्राज्य के रूप में जाना जाता है जो हमारे कानूनी प्रणाली और हमारे विनियमन का उल्लंघन करने वाले सभी का समर्थन कर रहे हैं और, उह, हमारे राष्ट्र के खिलाफ अवैध गतिविधि को वित्तपोषित कर रहे हैं। इसलिए यह कहानी केवल प्रवास के बारे में नहीं है, बल्कि यह भी है कि यह यूरोपीय संघ कैसे काम कर रहा है और जॉर्ज सोरोस ने यूरोपीय संघ के कई संस्थानों के अंदर मुख्य पदों को कैसे कब्जा किया।

    एमपी और अन्य नेताओं को खरीदकर और योजना को निष्पादित करने के लिए, जो लिखा गया है और यह सभी ईसाई और राष्ट्र आधारित राजनीतिक ताकतों के खिलाफ है, यह हमारे खिलाफ है। यह यूरोप को बदलने और सभी ईसाई, रूढ़िवादी, राष्ट्रीय आधारित राजनीतिक नेताओं और मतदाताओं को यूरोपीय संघ के निर्णय लेने वाले निकायों से हटाने और हटाने के बारे में है। तो यह प्रवास के बारे में है, केवल प्रवास के बारे में नहीं।”
    Dr GP
    फ्रांस के लिए शांति की प्रार्थना। यूके और फ्रांस खो चुके हैं। मैक्रोन ने चुनाव चुरा लिया है और फ्रांसीसी अवैध प्रवासियों से भरने के लिए अभिशप्त हैं। याद रखें कि हमारे पास UNDENIABLE PROOF है कि जॉर्ज सोरोस ने इन निर्वाचित अधिकारियों को अमेरिका और यूरोप को अवैध प्रवासियों से भरने के लिए रिश्वत दी है। हंगरी के प्रधानमंत्री ने उस दस्तावेज़ का खुलासा किया है जिससे साबित होता है कि जॉर्ज सोरोस वैश्विक अवैध प्रवासियों की बाढ़ के पीछे हैं। 2015 में, जॉर्ज सोरोस ने अपनी योजना प्रकाशित की थी, जिसे अब दुनिया भर में लागू किया जा रहा है ताकि लाखों अवैध प्रवासियों को संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में लाया जा सके। जैसा कि हंगरी के नेता विक्टर ओरबान ने हाल ही में बताया: विक्टर ओरबान: “मुझे याद है कि श्री जॉर्ज सोरोस ने प्रोजेक्ट सिंडिकेट प्रकाशन में अपनी योजना प्रकाशित की थी: पहले, यह बहुत स्पष्ट है। 2015 में, यूरोपीय संघ को कम से कम एक मिलियन शरणार्थियों को वार्षिक रूप से स्वीकार करना होगा दूसरा, उन्होंने कहा, पर्याप्त वित्तपोषण महत्वपूर्ण है, और उन्होंने प्रवास संकट और प्रवासियों की सामाजिक और कल्याण देखभाल के लिए लंबे समय तक यूरो बांड जारी करने का प्रस्ताव दिया जब वे यूरोपीय संघ में आते हैं। “मुझे याद है कि श्री जॉर्ज सोरोस ने प्रोजेक्ट सिंडिकेट प्रकाशन में 2015, 26 सितंबर को अंग्रेजी में अपनी योजना प्रकाशित की थी। और उन्होंने एक योजना प्रकाशित की। उन्होंने कहा कि मैं उद्धरण कर रहा हूँ, यहाँ मेरी व्यापक योजना के 6 घटक हैं। — उन्होंने कहा कि, उद्धरण करते हुए, शरणार्थियों के लिए सुरक्षित चैनल स्थापित किए जाने चाहिए, जो उन्हें ग्रीस और इटली से उनके गंतव्य देशों में ले जाने से शुरू होते हैं, जिसका मतलब है कि उन्हें ग्रीस से हंगरी लाया जाए और फिर उन्हें ओसीएन तक ले जाया जाए। — इसे लिखा गया था। इसे प्रकाशित किया गया था। यह ज्ञात है। इसलिए हम एक संगठित गिरोह से लड़ रहे हैं जिसे जॉर्ज चर्च और एनजीओ के साम्राज्य के रूप में जाना जाता है जो हमारे कानूनी प्रणाली और हमारे विनियमन का उल्लंघन करने वाले सभी का समर्थन कर रहे हैं और, उह, हमारे राष्ट्र के खिलाफ अवैध गतिविधि को वित्तपोषित कर रहे हैं। इसलिए यह कहानी केवल प्रवास के बारे में नहीं है, बल्कि यह भी है कि यह यूरोपीय संघ कैसे काम कर रहा है और जॉर्ज सोरोस ने यूरोपीय संघ के कई संस्थानों के अंदर मुख्य पदों को कैसे कब्जा किया। एमपी और अन्य नेताओं को खरीदकर और योजना को निष्पादित करने के लिए, जो लिखा गया है और यह सभी ईसाई और राष्ट्र आधारित राजनीतिक ताकतों के खिलाफ है, यह हमारे खिलाफ है। यह यूरोप को बदलने और सभी ईसाई, रूढ़िवादी, राष्ट्रीय आधारित राजनीतिक नेताओं और मतदाताओं को यूरोपीय संघ के निर्णय लेने वाले निकायों से हटाने और हटाने के बारे में है। तो यह प्रवास के बारे में है, केवल प्रवास के बारे में नहीं।” Dr GP
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  • 2014 में Modi सरकार आने से पहले एक महीने में 1 GB 3G Data का रेट ₹269 था। उस हिसाब से अभी 720 का प्लान जो है वो 70 दिनों में 140 GB डेटा देता है ; 2014 के पहले के रेट के अनुसार 140 GB Data ₹37,660 में मिलता, अभी उतना Data ₹720 में मिल रहा है। खैर.......... Modi failed is judgement pronounced by social media expert using 720 Rs recharge
    2014 में Modi सरकार आने से पहले एक महीने में 1 GB 3G Data का रेट ₹269 था। उस हिसाब से अभी 720 का प्लान जो है वो 70 दिनों में 140 GB डेटा देता है ; 2014 के पहले के रेट के अनुसार 140 GB Data ₹37,660 में मिलता, अभी उतना Data ₹720 में मिल रहा है। खैर.......... Modi failed is judgement pronounced by social media expert using 720 Rs recharge
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  • प्रधानमंत्री मोदी का पुनः सत्ता में आना कोई मज़ाक नहीं है... यह एक असाधारण घटना है.

    पिछले 3-4 सालों में दुनिया भर में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं... जिनके कारण दुनिया भर में सरकारें बदली हैं.... सत्ताऐ पलटी हैं.

    को-विड के कारण 79 देशों में चुनाव रद्द हुए या आगे बढ़ाए गए.... उसके baad पिछले 3-4 सालों में 124 लोकतान्त्रिक देशों में चुनाव हो चुके हैं... और उनमे से कोई भी सरकार या प्रधानमंत्री वापसी नहीं कर पाया है.... इसका सबसे बड़ा उदाहरण अमेरिका है, जहाँ इसी मुद्दे को भड़का कर और कुछ अन्य बातों का छौक लगा कर सत्ता पलट दी गई थी.

    यहाँ मैं Autocratic देशों की बात नहीं कर रहा.. जैसे चीन, रूस या North Korea..... जहाँ सत्ता पर एक व्यक्ति या पार्टी का एकाधिकार है.

    पिछले 2-3 सालों में सरकारों के गिरने का एक और कारण रहा है.... वैश्विक मंदी और रूस-उक्रेन के युद्ध के कारण हुई अस्त व्यस्त हालात.

    इसका असर आप यूरोप के देशों में देख सकते हैं...जहाँ गिरती अर्थव्यवस्था.... अनाप शनाप sanctions लगाने के बाद बिगड़े हालातो की वजह से जनता में आक्रोश बढ़ा और सरकारें पलट दी गई.

    इसके अतिरिक्त एक और बड़ा कारण रहा है Regime Change Ops..... दुनिया भर के कई देशों में दंगे कराये गए... अलगाव कराये गए, उन पर आर्थिक आतंकवाद थोपा गया... इस वजह से एशिया, अफ्रीका, और यूरोप के कई देशों में अव्यवस्था फैली... और कई जगह सरकारें गिरी भी हैं.

    इसके अलावा Illegal Immigration, Demographic बदलाव, Social मीडिया Manipulation और Hybrid Warfare कुछ और कारक रहें हैं राजनीतिक भूचाल लाने के.

    भारत ने यह सब झेला और क्या खूब झेला... लेकिन फिर भी मोदी की वापसी यह दर्शाती है कि अभी भी देश का जो Core है.. वो देशभक्त है... समझदार है... और दुनिया भर में चल रहे कार्यकलापों को समझता है..... और तमाम कमियों के बावजूद सही निर्णय लेने में सक्षम है.

    हाँ.. यह सवाल जरूर बनता है कि क्या अगले 5 सालों में यह आक्रमण नहीं होंगे... बिलकुल होंगे.... होंगे क्या.. शुरू हो चुके हैं.

    4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद कम से कम 100 fake news बवाल मचा चुकी हैं... अमेरिका में चुनाव हैं, इसलिए वहाँ अभी थोड़ी शांति है... वहाँ सत्ता का खेल खत्म होते ही Psy Ops का नया दौर चलेगा. यूरोप में सत्ता बदल रही है... वहाँ अब Right Wing बढ़त दिखा रहा है... UK में आज ही सत्ता बदली है.

    अगले 6 महीनों में आप दुनिया भर में नया नेतृत्व देखेंगे.... नया नेतृत्व यानी नये Challenges और नये सत्ता संघर्ष के खेल शुरू होंगे... ऐसे माहौल में हमारे यहाँ एक स्थिर, परिपक्व और मजबूत सरकार है.

    अगले 5 साल भारत के लिए अगले 100 सालों की दिशा निर्धारित करेंगे..... Its a very crutial time for us.
    Dr GP
    प्रधानमंत्री मोदी का पुनः सत्ता में आना कोई मज़ाक नहीं है... यह एक असाधारण घटना है. पिछले 3-4 सालों में दुनिया भर में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं... जिनके कारण दुनिया भर में सरकारें बदली हैं.... सत्ताऐ पलटी हैं. को-विड के कारण 79 देशों में चुनाव रद्द हुए या आगे बढ़ाए गए.... उसके baad पिछले 3-4 सालों में 124 लोकतान्त्रिक देशों में चुनाव हो चुके हैं... और उनमे से कोई भी सरकार या प्रधानमंत्री वापसी नहीं कर पाया है.... इसका सबसे बड़ा उदाहरण अमेरिका है, जहाँ इसी मुद्दे को भड़का कर और कुछ अन्य बातों का छौक लगा कर सत्ता पलट दी गई थी. यहाँ मैं Autocratic देशों की बात नहीं कर रहा.. जैसे चीन, रूस या North Korea..... जहाँ सत्ता पर एक व्यक्ति या पार्टी का एकाधिकार है. पिछले 2-3 सालों में सरकारों के गिरने का एक और कारण रहा है.... वैश्विक मंदी और रूस-उक्रेन के युद्ध के कारण हुई अस्त व्यस्त हालात. इसका असर आप यूरोप के देशों में देख सकते हैं...जहाँ गिरती अर्थव्यवस्था.... अनाप शनाप sanctions लगाने के बाद बिगड़े हालातो की वजह से जनता में आक्रोश बढ़ा और सरकारें पलट दी गई. इसके अतिरिक्त एक और बड़ा कारण रहा है Regime Change Ops..... दुनिया भर के कई देशों में दंगे कराये गए... अलगाव कराये गए, उन पर आर्थिक आतंकवाद थोपा गया... इस वजह से एशिया, अफ्रीका, और यूरोप के कई देशों में अव्यवस्था फैली... और कई जगह सरकारें गिरी भी हैं. इसके अलावा Illegal Immigration, Demographic बदलाव, Social मीडिया Manipulation और Hybrid Warfare कुछ और कारक रहें हैं राजनीतिक भूचाल लाने के. भारत ने यह सब झेला और क्या खूब झेला... लेकिन फिर भी मोदी की वापसी यह दर्शाती है कि अभी भी देश का जो Core है.. वो देशभक्त है... समझदार है... और दुनिया भर में चल रहे कार्यकलापों को समझता है..... और तमाम कमियों के बावजूद सही निर्णय लेने में सक्षम है. हाँ.. यह सवाल जरूर बनता है कि क्या अगले 5 सालों में यह आक्रमण नहीं होंगे... बिलकुल होंगे.... होंगे क्या.. शुरू हो चुके हैं. 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद कम से कम 100 fake news बवाल मचा चुकी हैं... अमेरिका में चुनाव हैं, इसलिए वहाँ अभी थोड़ी शांति है... वहाँ सत्ता का खेल खत्म होते ही Psy Ops का नया दौर चलेगा. यूरोप में सत्ता बदल रही है... वहाँ अब Right Wing बढ़त दिखा रहा है... UK में आज ही सत्ता बदली है. अगले 6 महीनों में आप दुनिया भर में नया नेतृत्व देखेंगे.... नया नेतृत्व यानी नये Challenges और नये सत्ता संघर्ष के खेल शुरू होंगे... ऐसे माहौल में हमारे यहाँ एक स्थिर, परिपक्व और मजबूत सरकार है. अगले 5 साल भारत के लिए अगले 100 सालों की दिशा निर्धारित करेंगे..... Its a very crutial time for us. Dr GP
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  • हाथरस में शवों के ढेर देखकर बहुत ग्लानि का अहसास हो रहा

    सैकडो महिलायें, बेटियाँ किसी भी इंसान में ईश्वर ढूँढ रहीं हैं

    अरे आप स्वयं साक्षात जगदंबा का अंश है , कहाँ भीड़ में ईश्वर को ढूँढ रहे हो

    हज़ारों वर्ष से प्रमाणित हिंदू ज्ञान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं हम

    वैदिक मंत्रों , गीता , रामचरितमानस जैसे समय सिद्ध ग्रंथों और योग व आध्यात्म की समृद्ध परंपरा के वंशज हैं

    ऐसी दयनीय स्थित क्यों ?

    गुरु वो जो आपकी वैदिक ज्ञान , योग , ध्यान व दिव्य आध्यात्मिक शक्तियों की जागृति करें

    जो इनसे विमुख करें वो गुरु नहीं

    हर हिंदू स्वयं में एक पुण्यात्मा है जो इस पुण्य भूमि में जन्मी हैं ,इस दिव्य ज्ञान की वंश परंपरा का सहज हिस्सा है

    बेटियों को जिहादी नोचने को तैयार बैठे हैं , बेटों को ड्रग्स , वासना और आत्म कुंठा में डुबाने की साज़िश हैं

    समाज का जागरण ज़रूरी हैं

    पाखंड और अंध विश्वास से हटकर स्वयं के हिन्दू होने का स्वाभिमान जागृत हो

    अपने धर्म की आध्यात्मिक चेतना को पहचानों

    स्वयं के तेज से विश्व का अंधकार दूर करना हैं

    यहीं हमारा स्वधर्म हैं
    Dr GP
    हाथरस में शवों के ढेर देखकर बहुत ग्लानि का अहसास हो रहा सैकडो महिलायें, बेटियाँ किसी भी इंसान में ईश्वर ढूँढ रहीं हैं अरे आप स्वयं साक्षात जगदंबा का अंश है , कहाँ भीड़ में ईश्वर को ढूँढ रहे हो हज़ारों वर्ष से प्रमाणित हिंदू ज्ञान परंपरा के उत्तराधिकारी हैं हम वैदिक मंत्रों , गीता , रामचरितमानस जैसे समय सिद्ध ग्रंथों और योग व आध्यात्म की समृद्ध परंपरा के वंशज हैं ऐसी दयनीय स्थित क्यों ? गुरु वो जो आपकी वैदिक ज्ञान , योग , ध्यान व दिव्य आध्यात्मिक शक्तियों की जागृति करें जो इनसे विमुख करें वो गुरु नहीं हर हिंदू स्वयं में एक पुण्यात्मा है जो इस पुण्य भूमि में जन्मी हैं ,इस दिव्य ज्ञान की वंश परंपरा का सहज हिस्सा है बेटियों को जिहादी नोचने को तैयार बैठे हैं , बेटों को ड्रग्स , वासना और आत्म कुंठा में डुबाने की साज़िश हैं समाज का जागरण ज़रूरी हैं पाखंड और अंध विश्वास से हटकर स्वयं के हिन्दू होने का स्वाभिमान जागृत हो अपने धर्म की आध्यात्मिक चेतना को पहचानों स्वयं के तेज से विश्व का अंधकार दूर करना हैं यहीं हमारा स्वधर्म हैं Dr GP
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  • -सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष
    चुने जाने के बाद भी महात्मा गाँधी
    द्वारा अध्यक्ष न मानना लोकतंत्र की
    पहली हत्या थी जिसके कारण अंततः
    नेताजी ने कांग्रेस छोड़ दी थी।

    -सरदार पटेल के निर्वाचित
    उम्मीदवार होने के बावजूद पंडित
    नेहरू को पीएम बनाया गया:
    यह लोकतंत्र की दूसरी हत्या थी।

    - इंदिरा गांधी ने आपातकाल की
    घोषणा की,सभी विपक्षी नेताओं
    को जेल में डाल दिया और प्रेस
    पर प्रतिबंध लगा दिया:
    यह लोकतंत्र की तीसरी हत्या थी।

    - संजय गांधी का नसबंदी
    कार्यक्रम: यह लोकतंत्र की
    चौथी हत्या थी।

    -राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट
    के शाहबानो फैसले को पलटा:
    यह लोकतंत्र की पाँचवी हत्या थी।

    - कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए सोनिया
    गांधी ने सीताराम केसरी को बाथरूम
    में बंद कर दिया: यह लोकतंत्र की छठी
    हत्या थी।

    -सीताराम केसरी की धोती खोलकर
    उन्हें अंडरवियर में ही कांग्रेस दफ्तर
    से उठकर बाहर फेंक दिया गया और
    उसके बाद वह गुमनामी में कहां खो
    गए किसी को पता नहीं चला:-
    यह लोकतंत्र की सातवीं हत्या थी।

    - पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव के पार्थिव
    शरीर को कांग्रेस दफ्तर में घुसने नहीं
    दिया गया और उनके पार्थिव शरीर
    का अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं
    करने दिया गया सिर्फ इसलिए कि
    कहीं नेहरू इंदिरा और राजीव के
    तर्ज पर नरसिंह राव का भी स्मारक
    दिल्ली में ना बन पाए:- यह लोकतंत्र
    की आठवीं हत्या थी।

    - राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री
    मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए
    अध्यादेश को खारिज कर दिया
    और कैबिनेट के अध्यादेश को
    मंच पर फाड़ कर फेंक दिया:
    यह लोकतंत्र की नवी हत्या थी।

    - सभी INDI गठबंधन शासित
    राज्यों में अति-आलोचना के
    कारण दक्षिणपंथियों के खिलाफ
    एफआईआर: लोकतंत्र की नियमित
    हत्याएं।

    यह परिवार और उनके वफादार
    लोकतंत्र पर हमले की बात कर रहे हैं,
    यह वैसा ही है जैसे पाकिस्तान
    आतंकवाद की निंदा करता है।
    Dr GP
    -सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद भी महात्मा गाँधी द्वारा अध्यक्ष न मानना लोकतंत्र की पहली हत्या थी जिसके कारण अंततः नेताजी ने कांग्रेस छोड़ दी थी। -सरदार पटेल के निर्वाचित उम्मीदवार होने के बावजूद पंडित नेहरू को पीएम बनाया गया: यह लोकतंत्र की दूसरी हत्या थी। - इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की,सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया और प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया: यह लोकतंत्र की तीसरी हत्या थी। - संजय गांधी का नसबंदी कार्यक्रम: यह लोकतंत्र की चौथी हत्या थी। -राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के शाहबानो फैसले को पलटा: यह लोकतंत्र की पाँचवी हत्या थी। - कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए सोनिया गांधी ने सीताराम केसरी को बाथरूम में बंद कर दिया: यह लोकतंत्र की छठी हत्या थी। -सीताराम केसरी की धोती खोलकर उन्हें अंडरवियर में ही कांग्रेस दफ्तर से उठकर बाहर फेंक दिया गया और उसके बाद वह गुमनामी में कहां खो गए किसी को पता नहीं चला:- यह लोकतंत्र की सातवीं हत्या थी। - पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस दफ्तर में घुसने नहीं दिया गया और उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं करने दिया गया सिर्फ इसलिए कि कहीं नेहरू इंदिरा और राजीव के तर्ज पर नरसिंह राव का भी स्मारक दिल्ली में ना बन पाए:- यह लोकतंत्र की आठवीं हत्या थी। - राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए अध्यादेश को खारिज कर दिया और कैबिनेट के अध्यादेश को मंच पर फाड़ कर फेंक दिया: यह लोकतंत्र की नवी हत्या थी। - सभी INDI गठबंधन शासित राज्यों में अति-आलोचना के कारण दक्षिणपंथियों के खिलाफ एफआईआर: लोकतंत्र की नियमित हत्याएं। यह परिवार और उनके वफादार लोकतंत्र पर हमले की बात कर रहे हैं, यह वैसा ही है जैसे पाकिस्तान आतंकवाद की निंदा करता है। Dr GP
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  • अब्दुल और बाबा

    जब किसी जेहादी के जाल में फंसी लड़की को जेहादी की असलियत के बारे में बताया जाता है तो छूटते ही उसका जवाब होता है--

    "बाकी का पता नहीं पर मेरा अब्दुल ऐसा नहीं है।"

    और इधर इन जन्मनाजातिवादी शंकराचार्यों, मालपुआ भकोसते ऐश्वर्यपूर्ण मठाधीशों, लिपीपुते स्त्रैण अनिरुद्धाचार्यों, चरबीगोले ढोलकीनंदनो, रसिया आसारामों, धूर्त रामपालियों, मटकाकर नैन नचाते डबल श्री और शोमैन कृपालुओं, जग्गियों और महंतों के बारे में अगर सच्चाई बताई जाए तो इनके चेले छूटते ही बोलते हैं---

    "बाकी का पता नहीं लेकिन मेरा बाबा ऐसा नहीं हैं।"

    नतीजा:- प्रेमिका का सफर या तो सूटकेस में या फ्रिज में पूरा होता है और ऐसे अंधभक्तों का सफर या तो घर की इज्जत व धन के गंवाने या फिर भीड़ में कुचले जाने पर पूरा होता है।

    जय अब्दुल, जय बाबा।

    जिस देश में वेद, उपनिषद व भगवदगीता के प्रतिपादक व प्रवक्ता राम, कृष्ण, शिव के रहते और 'अप्प दीपो भव' के परमपुरुषार्थ का संदेश देने वाले बुद्ध व महावीर जैसे प्रज्ञापुरुषों के रहते इन सस्ते बाबों की जरूरत पड़ती हो तो इस देश का कुछ नहीं हो सकता।
    Dr GP
    अब्दुल और बाबा जब किसी जेहादी के जाल में फंसी लड़की को जेहादी की असलियत के बारे में बताया जाता है तो छूटते ही उसका जवाब होता है-- "बाकी का पता नहीं पर मेरा अब्दुल ऐसा नहीं है।" और इधर इन जन्मनाजातिवादी शंकराचार्यों, मालपुआ भकोसते ऐश्वर्यपूर्ण मठाधीशों, लिपीपुते स्त्रैण अनिरुद्धाचार्यों, चरबीगोले ढोलकीनंदनो, रसिया आसारामों, धूर्त रामपालियों, मटकाकर नैन नचाते डबल श्री और शोमैन कृपालुओं, जग्गियों और महंतों के बारे में अगर सच्चाई बताई जाए तो इनके चेले छूटते ही बोलते हैं--- "बाकी का पता नहीं लेकिन मेरा बाबा ऐसा नहीं हैं।" नतीजा:- प्रेमिका का सफर या तो सूटकेस में या फ्रिज में पूरा होता है और ऐसे अंधभक्तों का सफर या तो घर की इज्जत व धन के गंवाने या फिर भीड़ में कुचले जाने पर पूरा होता है। जय अब्दुल, जय बाबा। जिस देश में वेद, उपनिषद व भगवदगीता के प्रतिपादक व प्रवक्ता राम, कृष्ण, शिव के रहते और 'अप्प दीपो भव' के परमपुरुषार्थ का संदेश देने वाले बुद्ध व महावीर जैसे प्रज्ञापुरुषों के रहते इन सस्ते बाबों की जरूरत पड़ती हो तो इस देश का कुछ नहीं हो सकता। Dr GP
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  • पहली फोटो - मणिपुर की है,

    दूसरी फोटो - पश्चिम बंगाल की है

    मणिपुर में महिला को नग्न कर घुमाया गया,
    पूरे देश का खून खौल गया,

    लेकिन कल बंगाल में मुस्लिम भाजपा समर्थक महिला को नग्न कर सड़क पर घसीटा गया, किसी का खून नहीं खौला।

    राहुल गांधी, अखिलेश, तेजस्वी, मीडिया, विपक्ष, महिला आयोग, नारीवादी, वामपंथी, सब शांत है !
    पहली फोटो - मणिपुर की है, दूसरी फोटो - पश्चिम बंगाल की है मणिपुर में महिला को नग्न कर घुमाया गया, पूरे देश का खून खौल गया, लेकिन कल बंगाल में मुस्लिम भाजपा समर्थक महिला को नग्न कर सड़क पर घसीटा गया, किसी का खून नहीं खौला। राहुल गांधी, अखिलेश, तेजस्वी, मीडिया, विपक्ष, महिला आयोग, नारीवादी, वामपंथी, सब शांत है !
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